INDIA गठबंधन के चेयरमैन बनाए गए मल्लिकार्जुन खड़गे, नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से किया इनकार

 
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INDIA Meeting: विपक्षी गठबंधन INDIA की महत्वपूर्ण मीटिंग का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया का चेयरमैन चुना गया। नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने का प्रस्ताव पेश हुआ लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। हालांकि, इस वर्चुअल मीटिंग में 28 दलों में महज 9 दल ही शिरकत किए।भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन, जिसे आमतौर पर इसके संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A. से जाना जाता है, 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 26 पार्टियों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है। नाम बेंगलुरु में एक बैठक के दौरान प्रस्तावित किया गया था और 26 भाग लेने वाले दलों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था।



इन दलों के नेता रहे शामिल


मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव , जेडीयू अध्यक्ष व बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, सीपीआई-एम से सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डीएमके चीफ व तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन शामिल हुए।

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पश्चिम बंगाल में दो लोकसभा सीटें देने की पेशकश 

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में दो लोकसभा सीटें देने की पेशकश की है, जो उसके 2019 के चुनाव में जीती है। पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें है, जिसमें टीएमसी खुद 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है और महज दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ रही है। इसको लेकर कांग्रेस राजी नहीं है, क्योंकि वो 7 से 8 सीटें चाहती है। टीएमसी बंगाल के साथ असम, मेघालय और त्रिपुरा में चुनाव लड़ना चाहती है। इसके चलते ही टीएमसी और कांग्रेस के बीच मनमुटाव पैदा हो रहा है। ममता बनर्जी के दो सीटों के ऑफर पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सहमत नहीं है।

अधीर रंजन-ममता के रिश्तों में कड़वाहट

अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी के बीच रिश्तों की यह तल्खी INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग की राह में रुकावट बन रही है. ममता और अधीर रंजन के बीच सियासी अदावत लंबे समय से चली आ रही है. अधीर रंजन शुरू से ही ममता बनर्जी के साथ गठबंधन के लिए रजामंद नहीं थे, लेकिन कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत गठजोड़ बनाने के लिए टीएमसी को भी साथ लिया. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी रही कि गठबंधन होने से बंगाल में मुस्लिम वोटों में किसी तरह का कोई बिखराव नहीं होगा, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी 2 से 3 सीटें दे सकती है, लेकिन अधीर रंजन चौधरी सात सीट चाहते हैं और बात यहीं पर अटकी है. ममता बनर्जी भले ही कांग्रेस को दो जीती हुई सीटों के अलावा दार्जिलिंग की सीट दे सकती हैं, जो अभी बीजेपी के पास है। टीएमसी को बीजेपी से ज्यादा खतरा कांग्रेस के सियासी उभार और लेफ्ट से है। इसीलिए ममता बनर्जी कांग्रेस को महज 2 से तीन सीटें ही दे सकती है. कांग्रेस कहती है कि दो सीट बहुत कम है और इसे स्वीकार करना मुश्किल है।
 

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