Jamia Millia Islamia: सीएए, एनआरसी और एनपीआर विवादों के बीच प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

 
Jamia Millia Islamia: सीएए, एनआरसी और एनपीआर विवादों के बीच प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

Jamia Millia Islamia विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवादों के केंद्र में है। विश्वविद्यालय प्रशासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि कुछ छात्र प्रधानमंत्री और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ बिना अनुमति या पूर्व सूचना के नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय का निर्देश

दिनांक 29 अगस्त 2022 के कार्यालय ज्ञापन संख्या Gen-4/RO/(Estt-T)/2022 का हवाला देते हुए छात्रों को सूचित किया गया था कि बिना विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के किसी भी प्रकार की सभा, धरना, या नारेबाजी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित नहीं की जा सकती।

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कठोर चेतावनी

प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी दी है कि यदि ऐसा किसी ने किया तो विश्वविद्यालय के नियमों के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सभी विभागाध्यक्षों, संकायों के डीन, और केंद्र निदेशकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों को इस आदेश से अवगत कराएं।

सीएए, एनआरसी और एनपीआर विवाद का प्रभाव

Also video: Jamia Millia Islamia Faces CAA and NRC Controversy, Administration Issues Stern Warning

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन विवादों का असर जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे विश्वविद्यालयों पर भी पड़ा है।

सीएए और एनआरसी का संबंध

12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) संसद में पारित हुआ। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने की घोषणा की।

असम एनआरसी का अनुभव

असम में लागू एनआरसी के तहत बड़ी संख्या में वैध नागरिक अपनी नागरिकता साबित करने से चूक गए।
यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इस प्रक्रिया में कितने अवैध घुसपैठियों की पहचान हुई।
हर निवासी को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करनी पड़ी, जिससे आम जनता में भय और असंतोष फैल गया।

सीएए और एनपीआर का कनेक्शन

सीएए उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हैं।
एनपीआर का उद्देश्य देश के सभी निवासियों का डेटा संग्रह करना है।
एनआरसी अवैध घुसपैठियों की पहचान करने की प्रक्रिया है।
हालांकि, सीएए और एनपीआर का सीधा संबंध नहीं है, लेकिन कई लोग इसे एक-दूसरे से जोड़कर देख रहे हैं, जिससे भ्रम और विरोध बढ़ रहा है।

जामिया पर विवाद का असर

जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसे विवादों का असर छात्रों और शैक्षणिक माहौल पर पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम शांति बनाए रखने और परिसर को राजनीति से दूर रखने के लिए है।

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