MP Election 2023: कैसे होती है वोटों की गिनती, मतगणना से जुड़ी खास बातें
MP Election 2023: कल यानी 3 दिसंबर की सुबह 8 बजे से EVM का पिटारा खुल जाएगा। उसमें दर्ज जनता के वोटों की गिनती से तय होगा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अगली सरकार किसकी बनेगी।5 राज्यों में चुनावों के लिए वोटिंग हो चुकी है. सियासी दलों और प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम यानि इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद हो चुका है। इन राज्यों में वोटिंग का आखिरी चरण 30 नवंबर को तेलंगाना में हुआ। इसके बाद अब 03 दिसंबर को वोट काउंटिंग का काम शुरू होगा। वोट काउंटिंग का काम सुबह 08 बजे से शुरू होगा. हालांकि मतगणना केंद्रों में काउंटिंग से बहुत पहले ही व्यवस्था का काम शुरू हो जाता है सारी व्यवस्थाएं इस तरह से मुकम्मल कर दी जाती हैं कि वोट काउटिंग का काम सुचारु तौर पर चल सके।
क्या होती है चरण प्रक्रिया ?
सुबह 05 बजे
05 चुनाव वाले राज्यों के हर जिले में मतगणना केंद्रों पर चहल-पहल शुरू हो चुकी होगी। तैनाती के लिए मतगणना पर्यवेक्षकों और सहायकों का आना सुबह 5 बजे शुरू होगा।उन्हें इस समय तक वहां पहुंचकर अपने रिपोर्टिंग अफसर के सामने हाजिर होना होगा। ये सभी लोग मतगणना केंद्रों पर अपनी अपनी व्यवस्था को देखकर सुनिश्चित कर लेंगे कि सबकुछ वोट काउंटिंग के लिए तैयार हो चुका है. ईवीएम को अलग अलग टेबल के अनुसार वितरित कर दिया जाएगा।
सुबह 08 बजे
- रिटर्निंग अधिकारियों की देखरेख में सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी।
- मतगणना हॉल में प्रत्येक टेबल पर एक गणना पर्यवेक्षक और उम्मीदवारों या उनके चुनाव एजेंटों द्वारा चुने गए एजेंट होंगे.
- मतगणना से पहले प्राधिकृत अधिकारियों की मौजूदगी में ईवीएम का निरीक्षण किया जाएगा.
- गणना पर्यवेक्षक/सहायक द्वारा की जायेगी. डाक मतपत्रों की गणना एक साथ की जायेगी.
- प्रत्येक दौर की गिनती के बाद पर्यवेक्षक, गणना एजेंटों या उम्मीदवारों के साथ इस पर हस्ताक्षर करेंगे। रिटर्निंग अधिकारी काउंटर सिग्नेचर करेगा फिर इसकी घोषणा की जाएगी।
- पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।
- इसके बाद अनिवार्य वीवीपैट सत्यापन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच या तय ईवीएम के लिए वीवीपैट पर्चियों की गिनती होगी।
- पर्चियों की गिनती और ईवीएम परिणामों के बीच बेमेल होने की स्थिति में, विशेष वीवीपैट की पर्चियों की दोबारा गिनती की जाएगी फिर पर्चियों के चुनाव चिन्हों की जांच की जाएगी।
- यदि निर्धारित प्रक्रिया को लागू करने के बाद परिणाम मेल नहीं खाते हैं, तो वीवीपैट पर्ची की गिनती मान्य होगी।
कोई गंभीर बात या गड़बड़ी पर क्या होता है
फिर परिस्थिति की गंभीरता पर यह निर्भर करेगा कि चुनाव आयोग क्या फैसला करेगा? चुनाव आयोग मामले का अध्ययन करने पर अगर कोई बड़ी गलती या कमी नहीं पाएगा तो इस प्रक्रिया को जारी रखने को कहेगा और अगर कोई गंभीर कमी या गलती पाई जाएगी तो चुनाव आयोग, चुनावों को खारिज कर देगा है और फिर से चुनावों के आदेश देगा।
फिर कैसे होता है नतीजा घोषित
अगर मतों की गिनती बिना किसी गड़बड़ी की शिकायत और बिना चुनाव आयोग के किसी निर्देश के समाप्त हो जाएगी तो रिटर्निंग ऑफिसर ही मतों की गिनती के पूरा होने पर नतीजे घोषित कर देगा।