Maharashtra की राजनीति, विधायक बनने की चाह में बंटे परिवार, अलग-अलग दलों से चुनाव लड़ रहे नेता
Maharashtra की राजनीति इन दिनों अपने चरम पर है। सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी के बीच जोरदार सियासी संघर्ष चल रहा है। इस बीच, कई परिवार अलग-अलग राजनीतिक दलों में बंट गए हैं, जिनमें से कुछ बीजेपी में हैं तो कुछ शिवसेना या एनसीपी में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
राणे परिवार: बीजेपी और शिवसेना में बंटा
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद नारायण राणे का परिवार बीजेपी और शिवसेना में बंट गया है। नारायण राणे खुद बीजेपी सांसद हैं, जबकि उनके छोटे बेटे नीतेश राणे भी कणकवली से बीजेपी के टिकट पर विधायक हैं। वहीं, नारायण राणे के बड़े बेटे नीलेश राणे ने शिंदे की शिवसेना में शामिल होकर कुडाल सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
नाईक परिवार: बीजेपी और एनसीपी में विभाजन
नवी मुंबई में नाईक परिवार की राजनीति काफी प्रभावशाली रही है। पूर्व मंत्री गणेश नाईक बीजेपी के दिग्गज नेता हैं और ऐरोली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन उनके बेटे संदीप नाईक ने विधायक बनने की चाह में बीजेपी छोड़कर शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए हैं। अब वह बेलापुर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
महादिक परिवार: बंटने की कगार पर
धनंजय महादिक, जो बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं, का परिवार भी बंटने की स्थिति में है। उनके बेटे कृष्णराज महादिक कोल्हापुर उत्तर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो शिंदे गुट की शिवसेना के कोटे में आ गई है। यदि यह सीट नहीं मिलती है तो कृष्णराज भी पार्टी बदलकर शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।
भुजबल परिवार: क्या होगा बिखराव?
छगन भुजबल, जो महाराष्ट्र के एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं, का परिवार भी बिखराव की स्थिति में है। भुजबल के भतीजे समीर भुजबल नंदगांव सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो वर्तमान में शिंदे गुट के पास है। अगर उन्हें यह सीट नहीं मिलती है, तो वे भी ठाकरे गुट की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।