Maharashtra Assembly Elections 2024: विदर्भ में BJP और कांग्रेस के दिग्गजों की लड़ाई

Maharashtra Assembly Elections 2024: जो कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, अब भाजपा का मुख्य केंद्र बन चुका है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस ने इस क्षेत्र में जोरदार वापसी की है।
विदर्भ का राजनीतिक महत्व
विदर्भ में 10 लोकसभा सीटें और 62 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिति बहुत नाजुक है, जहां छोटी-छोटी बातें राजनीतिक भाग्य को बदल सकती हैं। विदर्भ में राज्यhood की मांग भी उठती रही है, लेकिन पिछले दशक में यह आंदोलन कमजोर पड़ा है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि
विदर्भ क्षेत्र में वर्धा है, जहां सेवाग्राम आश्रम स्थित है। महात्मा गांधी ने 1936 से 1948 तक यहीं निवास किया। गांधीजी ने 1934 में वर्धा को अपने केंद्रीय भारत के मुख्यालय के रूप में चुना था।
RSS और विदर्भ
नागपुर जिले में RSS का मुख्यालय भी है, जिसे भाजपा का वैचारिक जनक माना जाता है। RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम Hedgewar ने नागपुर में हिंदुत्व के विचार के साथ RSS की स्थापना की थी।
BJP और कांग्रेस के दिग्गज
इस बार भाजपा के तीन प्रमुख नेता चुनावी मैदान में हैं: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (नागपुर दक्षिण पश्चिम), राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (कामठी), और राज्य वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (बालारपुर)। भाजपा ने 2019 में 5 सीटें जीती थीं, जो 2024 में घटकर 2 रह गईं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता, राज्य पार्टी प्रमुख नाना पटोले (साकोली) और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेटीवार (ब्रह्मपुरी) भी चुनावी मैदान में हैं।
विदर्भ की सांख्यिकी
कुल जिले: 11 (नागपुर, भंडारा, वर्धा, चंद्रपुर, गोंदिया, गडचिरोली, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल, वाशिम)
विदर्भ क्षेत्र की राजनीति में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच एक कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी।