मिलेट्स को बढ़ावा! मध्यप्रदेश में लागू होगी 'रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना, किसानों को क्या होगा फायदा
What Is Shree Anna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हर वर्ग के कल्याण के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार निरंतर तीव्र गति से कार्य कर रही है। इसी क्रम में जबलपुर में हुई नवगठित सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कल्याणकारी निर्णय लिया है। मंत्रि-परिषद ने पोषक तत्वों से भरपूर श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ाने के के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का फैसला किया। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न - कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज जबलपुर के शक्ति भवन में आयोजित नवगठित सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' गायन के साथ प्रारंभ हुई। @DrMohanYadav51 #MPCabinetMeeting pic.twitter.com/UgykAtf5oX
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 3, 2024
श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला
यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।मध्यप्रदेश में कोदो- कुटकी की खेती मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के लिए फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित करने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है।मोटे अनाजों में न केवल पोषक तत्त्वों का भंडार है। साथ ही इनमें जलवायु परिवर्तन, बढ़ती कृषि लागत और रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल समस्या का समाधान भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में एक नई मिलेट क्रांति का शुभारंभ किया है। उनकी पहल पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।
What Is Shree Anna, क्या होता है श्री अन्न
श्री अन्न एक प्रकार का मोटा अनाज होता है, इसे सुपर फूड व मल्टीग्रेन के नाम से भी जाना जाता है। इसके अंतर्गत मोटे अनाज जैसे ज्वार बाजरा, टागी, मडुआ, जौ, कोदो, सामा, सांवा, कुटकी, कांगनी और चीना को शामिल किया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमतो को मजबूत बनाने में कारगार होता है। कोरोना काल के बाद, से दशकों बाद ये चीजें फिर से चर्चा में आ गई हैं। बाजार में भी इसकी मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। तथा विश्व पटल पर इसे एक नई पहचान दिलाने व लोगों को इसके फायदे से जागरुक करवाने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वीकृति के बाद साल 2023 को श्री अन्न दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। राज्य व केंद्र सरकार इन फसलों की खेते के लिए किसानों को बढ़ावा दे रही हैं।