MP Election Results: शिवराज को लाड़ली बहनों को दुलार, कुछ इस तरह पलटी बाजी
MP Election Results:मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज की है। भाजपा का वोट शेयर 7.53% बढ़ा। 230 सीटों में से पार्टी को 163 सीटें मिली हैं। ये 2018 से 54 ज्यादा हैं। कांग्रेस का वोट शेयर 0.49% घटा और पार्टी 114 से नीचे आकर 66 सीट पर सिमट गई। सपा, बसपा, AAP और निर्दलियों का खाता तक नहीं खुला। मात्र एक सीट भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने जीती है। शिवराज की वापसी में सबसे अहम रोल लाड़ली बहन योजना ने निभाया। इस योजना ने चौहान की राजनीतिक किस्मत बदल कर रख दी है। लाड़ली बहना योजना के तहत मध्यप्रदेश की 1.31 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये हर महीने दिए जा रहे हैं। एमपी की 7 करोड़ आबादी में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थियों ने शिवराज को भर भर कर वोट दिया है। शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहन योजना चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई। इस बंपर जीत के पीछे महिला वोटरों की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। आइये जानते है किस तरह से चार बार मुख्यमंत्री रहे चुके शिवराज ने सत्ता विरोधी लहर को दूर किया और एमपी का मैदान अपने नाम कर लिया।
लाड़ली बहना योजना बनी गेम चेंजर
शिवराज की वापसी में सबसे अहम रोल लाड़ली बहन योजना ने निभाया। इस योजना ने चौहान की राजनीतिक किस्मत बदल कर रख दी है। लाड़ली बहना योजना के तहत मध्यप्रदेश की 1.31 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये हर महीने दिये जा रहे हैं। एमपी की 7 करोड़ आबादी में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थियों ने शिवराज को भर भर कर वोट दिया है। महिलाओं और लड़कियों के लिए शिवराज का नाम एक भरोसा था, इस पर उन्होंने यकीन किया। इस चुनाव में शिवराज ने न सिर्फ अपने इस स्कीम को प्रचारित किया बल्कि अपने पुराने रिकॉर्ड का भी हवाला दिया और अपने 18 साल के शासन की दुहाई दी। मध्यप्रदेश में भाजपा ने सीएम चेहरा किसी को घोषित नहीं किया था, लेकिन शिवराज सिंह चौहान चुनाव को लीड कर रहे थे। शिवराज बनाम कमलनाथ के बीच यह जंग मानी जा रही थी। ऐसे में शिवराज की लोकप्रियता कमलनाथ पर भारी पड़ी है। एग्जिट पोल सर्वे में भी शिवराज पहली पसंद बनकर उभरे हैं। इसी का भाजपा को चुनाव में फायदा मिल। महिलाओं के बीच शिवराज की अपनी एक लोकप्रियता है, जबकि कमलनाथ की उस तरह से पकड़ नहीं है।
शिवराज खुद बने ब्रांड
मध्यप्रदेश में 16 साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज वोटर के सामने खुद भी ब्रांड बन गए। इस दौरान उन्होंने एमपी को बीमारू राज्यों की कैटेगरी से बाहर निकला है। कई शहरों का कायाकल्प किया। लोगों ने काम करने के इस तरीके को पसंद किया, उन्हें ब्रांड शिवराज पर भरोसा नजर आया, इसलिए लोगों ने शिवराज को वोट दिया। यहां भाजपा का डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर का सिद्धांत शिवराज के काम आया। जब योजनाओं का फायदा सीधे जनता के हाथ में पहुंचता है, तो सरकार और सिस्टम पर उनका यकीन बढ़ जाता है। यही वजह रही कि जनता उन्हें 5 बार वोट दे रही है।
बंपर वोट मिले
मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा को वधानसभा चुनाव के इतिहास में भाजपा को अब तक सर्वाधिक वोट शेयर हासिल हुआ है। भाजपा का वोट शेयर 48.55% पहुंच गया है। इससे पहले वर्ष 2013 में भाजपा को सर्वाधिक 45.19% वोट शेयर हासिल हुआ था। वर्ष 2013 में भाजपा को 143 सीटें हासिल हुई थी। वर्ष 2003 में 42.50% वोट शेयर के साथ 173 सीटें मिली थी। पिछले 20 साल में देश भर में अलग-अलग राज्यों की विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को 45% से अधिक वोट शेयर हासिल नहीं हुआ है। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक 58% और 2014 के लोकसभा चुनाव में 54.02% वोट मिले थे। 2014 में भाजपा ने 18 29 लोकसभा सीटों में से 27 और 2019 में 29 में से 28 जीत ली थी।