Maharastra Election 2024: MVA ने महायुति सरकार पर आरोप लगाया, मतदाता नामों के हटाने की शिकायत दर्ज की
Maharastra Election 2024: महा विकास अघाड़ी (MVA) ने महाराष्ट्र चुनाव 2024 से पहले महायुति सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने MVA के समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए हैं। MVA नेताओं ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन अधिकारी S. Chokkalingam के पास शिकायत दर्ज कराने से पहले एक मीडिया सम्मेलन आयोजित किया।
Yojana Doot योजना का आरोप
MVA ने कहा कि Yojana Doot Scheme के लिए नियुक्त सरकारी कर्मचारियों ने यह कार्य किया है, जो सत्तारूढ़ दलों के कहने पर किया जा रहा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि महायुति चाहती है कि उन क्षेत्रों से 10,000-20,000 नाम हटा दिए जाएँ जहाँ MVA ने पिछले चुनावों, जैसे लोकसभा चुनावों में, बढ़त बनाई थी।
मीडिया सम्मेलन में उठाए गए मुद्दे
इस सम्मेलन में शामिल थे राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, लोकसभा के शिवसेना (UBT) सदस्य अनिल देसाई, और NCP (SP) नेता जितेंद्र आव्हाड। पटोले ने एक वीडियो प्रस्तुत किया, जिसमें बुलढाणा जिले के तेलना के सरपंच किरण गडेकरे यह बताते हुए दिख रहे हैं कि कैसे ऑनलाइन फॉर्म-7 का उपयोग करके नाम हटाए गए।
विपक्षी नेताओं के बयान
पटोले ने कहा, "हम Yojana Doot योजना को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यह योजना सरकार द्वारा भुगतान किए गए प्रशिक्षुओं द्वारा चलायी जा रही है, जो बिना मतदाताओं की जानकारी के घर-घर जाकर काम कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा, "मैं बीजेपी से कहता हूँ कि वह हमारे सामने आकर लड़ाई करे, पीछे से हमला न करे। महायुति खेल में धोखा दे रही है।"
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ऑनलाइन फॉर्म 7 भरने की प्रक्रिया गलत है। "उन्होंने सिन्नर में 5,000 नाम हटा दिए, लेकिन जब आपत्ति उठाई गई, तो नाम वापस आ गए। इसलिए, हम महाराष्ट्र की जनता से अनुरोध करते हैं कि वे अपने नाम जांचें और सुनिश्चित करें कि अगर नाम हटाए गए हैं तो उन्हें फिर से जोड़ा जाए।"
अंबादास दानवे ने भी कुछ समान मामलों का वर्णन किया। अनिल देसाई ने इन हटाने के मामलों को चौंकाने वाला बताते हुए चुनाव आयोग के पारदर्शिता के दावे को उजागर किया।
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वह मुख्य सचिव से जांच करेंगे कि क्या चुनाव आयोग के निर्देशानुसार कोड ऑफ कंडक्ट के बाद किए गए निर्णय, टेंडर और नियुक्तियाँ रद्द की गई हैं।