पूर्व पेंशन नियमों में बदलाव के विरोध में शिक्षक और सेवानिवृत्त कर्मियों का बड़ा आंदोलन, 27 अप्रैल को लखनऊ में राज्य स्तरीय प्रदर्शन

कानपुर नगर के सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन (उ०प्र०) तथा शिक्षक महासंघ द्वारा 22 अप्रैल 2025 को एक संयुक्त बैठक में पेंशनरों व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर गहन चिंता जताई गई। इस बैठक में "वित्त संशोधन अधिनियम 2025" के अंतर्गत पूर्व पेंशन नियमों में बदलाव और पेंशन पुनरीक्षण में देरी को लेकर तीव्र विरोध जताया गया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले पेंशन पुनरीक्षण ने करोड़ों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को असमंजस में डाल दिया है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि 31 दिसंबर 2025 तक पेंशन पुनरीक्षण न करने से पुराने पेंशनर्स को भारी नुकसान होगा।
इसके अलावा, महंगाई भत्ते को डी-लिंक करने की बात को भी अनुचित बताया गया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। संगठनों ने मांग की कि पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई राहत को कर्मचारियों की तरह ही समय पर जारी किया जाए।
मुख्य मांगें:
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पेंशन पुनरीक्षण की तारीख को 1 जनवरी 2026 से बदलकर 1 जनवरी 2025 किया जाए।
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डी-लिंकिंग को समाप्त कर महंगाई राहत की तत्काल बहाली की जाए।
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ओ.पी.एस. और एन.पी.एस. की एक समान योजना लागू की जाए।
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पेंशन की गणना में 10 वर्ष की सेवा सीमा तय की जाए।
यदि सरकार द्वारा मांगें नहीं मानी गईं, तो संगठन 27 अप्रैल 2025 को लखनऊ में राज्य स्तरीय प्रदर्शन करेंगे, जिसमें पूरे प्रदेश से शिक्षक व पेंशनर्स शामिल होंगे।