Ram Mandir:राम मंदिर पर दो शंकराचार्य पीठों ने कहा उनके नाम पर भ्रामक प्रचार, आडवाणी और जोशी भी होंगे शामिल 

 
Ram Mandi

Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शंकराचार्यों के शामिल नहीं होने और उससे अपनी असहमति जताने के प्रचार की कलई खुल गई है। श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने इस बारे में एक पत्र जारी कर कहा है कि कुछ धर्मद्वेषियों द्वारा सोशल मीडिया में शंकराचार्यजी के नाम से विरोध संबंधी जो संदेश डाला गया है, वह मिथ्या प्रचार है। यह सभी आस्तिकों के लिए आनंद का विषय है। उधर, द्वारका-शारदा पीठ ने भी कहा है कि किसी समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज की बिना आज्ञा के प्रकाशित हुआ है, जो भ्रामक है। श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम, दक्षिणानाय श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी की 'आस्तिक जन के लिए मुख्य सूचना' शीर्षक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लगभग 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान श्री रामचन्द्र जी के अवतार क्षेत्र पावन अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कर आने वाले पौष शुक्ल द्वादशी सोमवार (22 जनवरी) को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न होने वाला है।

भ्रामक जानकारी का किया खंडन 

'प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव के सुसंदर्भ में यथायोग्य भाग लेकर सभी आस्तिक भगवान रामचन्द्र जी के कृपा पात्र बनकर कृतार्थ होवें।' ऐसे संदर्भ में कुछ धर्मद्वेषियों ने सामाजिक मीडिया में www.dainikjagran.com के नाम को उपयोग करते हुए, श्रृंगेरी शारदा पीठ के वर्तमान शंकराचार्य - परम पूज्य अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु भारती तीर्थ जी महाराज के छायाचित्र के साथ ऐसे संदेश को डाला है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि श्रृंगेरी शंकराचार्य जी इस पवित्र प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के विषय में विरोध प्रकट कर रहे हैं। परंतु, श्रृंगेरी शंकराचार्य जी ने ऐसा कुछ भी संदेश नहीं दिया है। यह केवल कुछ धर्मद्वेषियों का मिथ्या प्रचार है। इसलिए सभी आस्तिको से यह अनुरोध है कि ऐसे अप्रमाणिक दुष्प्रचार पर ध्यान न दें।

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लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर भी जाएंगे अयोध्या 

भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इन दोनों दिग्गज नेताओं को पहले ही आमंत्रण पत्र भेज दिया गया था, लेकिन बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेताओं ने उनसे मुलाकात कर एक बार फिर से उनसे कार्यक्रम में शामिल होने का, अनुरोध किया, जिसके बाद दोनों नेताओं ने कार्यक्रम में शामिल होने पर अपनी सहमति दे दी। दरअसल, इसके पहले कुछ नेताओं के बयानों से यह गलतफहमी पैदा हो गई थी कि राम मंदिर आंदोलन में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले इन दोनों शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम में आने की संभावना नहीं है। इसके पीछे उनके स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन, बाद में विहिप ने दोनों नेताओं को निमंत्रण पत्र देते हुए फोटो जारी कर यह साफ कर दिया था कि दोनों ही नेताओं को उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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