Shimla के संजौली मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू, वक्फ बोर्ड ने दी मंजूरी

Shimla: हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। नगर आयुक्त की ओर से मस्जिद समिति को अवैध निर्माण हटाने के लिए दो महीने का समय दिया गया था। इस संबंध में वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी गई थी, जिसके बाद वक्फ बोर्ड ने आवश्यक एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) दे दिया है।
वक्फ बोर्ड ने दी एनओसी
मस्जिद समिति ने अवैध निर्माण को हटाने के लिए वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी थी। वक्फ बोर्ड से एनओसी प्राप्त होने के बाद मस्जिद समिति ने आज से विध्वंस का काम शुरू कर दिया है। वक्फ बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस काम के खर्च का भुगतान नहीं करेंगे, इसलिए समिति ने अपने खर्च पर इसे अंजाम देने की योजना बनाई है। समिति इस मामले में और अधिक चर्चा करने के लिए वक्फ बोर्ड और अदालत से बातचीत करेगी।
नगर आयुक्त की समय सीमा
5 अक्टूबर को नगर आयुक्त ने मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को हटाने का आदेश जारी किया था और इसे पूरा करने के लिए दो महीने की समयसीमा तय की थी। इसके जवाब में मस्जिद समिति ने वक्फ बोर्ड को एक पत्र भेजा था, जिसमें कानूनी सलाह और आगे की कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी गई थी। समिति ने जोर दिया था कि संपत्ति वक्फ बोर्ड की है, इसलिए कोई भी कार्रवाई वक्फ बोर्ड के निर्देशों के अनुसार ही होनी चाहिए।
मस्जिद समिति की योजना
संजौली मस्जिद समिति के प्रधान मोहम्मद लतीफ नेगी के अनुसार, मजदूरों के पहुंचने के बाद विध्वंस का काम शुरू हो चुका है और सबसे पहले छत को हटाया जा रहा है। मस्जिद समिति अपने खर्च पर इस विध्वंस को नगर आयुक्त के आदेश के अनुसार पूरा करेगी।
मुस्लिम संगठन करेगा चुनौती
इस बीच, ऑल हिमाचल मुस्लिम संगठन ने नगर आयुक्त के फैसले को अपीलीय अदालत में चुनौती देने की योजना बनाई है। संगठन का तर्क है कि यह आदेश अवैध आवेदनों पर आधारित है और मस्जिद के इतिहास और मालिकों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज करता है।
यह घटनाक्रम धार्मिक संपत्तियों की स्वामित्व और निर्माण के जटिल मुद्दों को उजागर करता है, और इस मामले में आगे क्या होता है, इस पर नज़र रखी जाएगी।