Shocking News: कुलदेवता मानकर लोग करते थे पूजा, सच्चाई सामने आने पर कांप गई रूह 

 
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MP NEWS:  धार जिसे लोग कुलदेवता समझकर पूजा कर रहे थे, वह डायनासोर का अंडा निकला। हकीकत सामने आई तो लोग हैरत में पड़ गए। मामला जिले की कुक्षी तहसील के पाडल्या गांव का है। यहां खेती के दौरान कुछ गोलाकार पत्थर मिले थे। लोग 'काकर भैरव' के रूप में इसकी पूजा कर रहे थे। आदिवासी समाज में यह परंपरा पूर्वजों के दौर से चली आ रही थी। समाज का मानना है ये कुलदेवता खेती-मवेशियों की रक्षा करते हैं। उन्हें संकट से बचाते हैं।पाडलिया में डायनासोर के अंडे होने के प्रमाण मिले हैं। एक दशक पहले वैज्ञानिकों ने शोध किया। यहां डायनासोर पार्क बनने का प्रस्ताव वन विभाग ने भेजा है। आदिवासी लोग इनकी पूजा करते हैं।


वैज्ञानिकों का खुलासा

बीते दिनों लखनऊ के बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक पाडल्या पहुंचे थे। डायनासोर के इतिहास और प्रदेश के इस क्षेत्र में उनके अवशेष का पता लगाने पहुंची टीम को पता चला कि यहां खेतों में जो गोलाकार वस्तु मिली थी। जिसकी लोग पूजा करते हैं, वे डायनासौर के अंडे हैं। वेस्ता मांडलोई ने बताया, काकर यानी खेत व भैरव देवता हैं। मांडलोई की तरह ही उनके गांव के कई लोग ऐसी आकृतियों की पूजा करते हैं। ये धार और पास के क्षेत्रों में खेती के दौरान मिले थे। हालांकि डायनासोर के अंडे के खुलासे के बाद कुछ लोग कह रहे हैं कि वे पूजा करते थे, करते रहेंगे।

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पहले भी मिले अंडे

नर्मदा घाटी में डायनासोर की संख्या अच्छी थी

इसी साल जनवरी में धार में 256 अंडे मिले

अंडों का आकार 15 से 17 सेमी था। 6.6 करोड़ साल पहले धरती पर डायनासोर 


 

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