China US conflict: ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और कनाडा के युद्धपोत, चीन ने जताई नाराजगी
China US conflict: ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर तब से जब अमेरिका और कनाडा ने अपने युद्धपोतों को ताइवान स्ट्रेट के जलमार्ग से गुजारा। चीन ने इस कदम की कड़ी निंदा की है और इसे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा बताया है।
ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और कनाडा की गतिविधियां
अमेरिका और उसके सहयोगी नियमित रूप से ताइवान स्ट्रेट से गुजरते हैं ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में मान्यता मिलती रहे। अमेरिका की नौसेना के 7वें फ्लीट के अनुसार, 20 अक्टूबर को अमेरिकी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर USS हिगिंस और कनाडाई फ्रिगेट HMCS वैंकूवर ने ताइवान स्ट्रेट से गुजरते हुए अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की। दोनों देशों का मानना है कि यह जलमार्ग अंतरराष्ट्रीय है और इसे स्वतंत्र रखना जरूरी है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन लगातार इस बात का विरोध करता रहा है कि ताइवान स्ट्रेट को अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग माना जाए। इस घटना के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपने नौसेना और हवाई बलों को निगरानी में रखा और इस स्थिति को अपने कानूनों के अनुसार नियंत्रित किया। PLA के अनुसार, अमेरिकी और कनाडाई युद्धपोतों की आवाजाही क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है।
ताइवान पर चीन का बढ़ता दबाव
पिछले कुछ सालों में चीन ने ताइवान पर सैन्य दबाव तेज कर दिया है। चीन के सैन्य विमान और नौसेना के जहाज नियमित रूप से ताइवान के आसपास नजर आते हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में बताया कि 24 घंटों के भीतर 14 चीनी सैन्य विमान और 12 नौसेना जहाजों ने ताइवान स्ट्रेट के पास उड़ान भरी है।
ताइवान स्ट्रेट में भविष्य की स्थिति
यह घटनाक्रम ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव को और गहरा सकता है। अमेरिका और उसके सहयोगी ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर रहे हैं, जबकि चीन इसे अपने क्षेत्रीय दावों के लिए चुनौती के रूप में देख रहा है।