US Presidential Election 2024: ट्रंप या कमला हैरिस – किसकी जीत से भारत को होगा ज्यादा फायदा?
US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पूरी दुनिया की नजरों में है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला है। भारत जैसे देशों के लिए इस चुनाव का नतीजा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कूटनीतिक संबंधों, व्यापार, और अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि किस उम्मीदवार की जीत से भारत को क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
कमला हैरिस: पृष्ठभूमि और भारत के साथ संबंध
भारतीय मूल की कमला हैरिस की मां तमिलनाडु से हैं, जिससे उनका भारत के साथ एक व्यक्तिगत जुड़ाव है। लेकिन उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में भारतीय नेताओं के साथ उनकी केमिस्ट्री सीमित रही है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भी उनके बीच एक औपचारिक संबंध ही देखने को मिला, जो अन्य नेताओं की गर्मजोशी से भरे संबंधों से अलग था।
कश्मीर पर रुख
कमला हैरिस ने कश्मीर को लेकर पहले भी विवादास्पद बयान दिए हैं। 2019 में जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया था, तब हैरिस ने कश्मीरियों का समर्थन किया और कहा कि उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे और जरूरत पड़ने पर दखल भी देंगे। इस बयान से भारत के आंतरिक मामलों में उनके रुख को लेकर चिंता बढ़ी है।
नवीकरणीय ऊर्जा और इमीग्रेशन पर समर्थन
कमला हैरिस नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की पक्षधर हैं, जो भारत के भी उद्देश्यों से मेल खाता है। अगर वे जीतती हैं, तो भारत को इस क्षेत्र में तकनीकी सहायता मिल सकती है। इसके अलावा, इमीग्रेशन के मुद्दे पर भी उनका समर्थन भारतीय आईटी सेक्टर के लिए लाभकारी हो सकता है, क्योंकि डेमोक्रेटिक सरकारें H-1B वीजा पर सहयोग करती रही हैं।
चीन पर रुख
कमला हैरिस के जीतने पर एक चिंता उनके साथी उम्मीदवार टिम वाल्ज हैं, जो चीन पर नरम रुख रखते हैं। इससे भारत की चीन के खिलाफ स्थिति पर असर पड़ सकता है, हालांकि, इमीग्रेशन पर उनके सख्त रुख से भारतीय पेशेवरों को मदद मिल सकती है।
चीन पर सख्ती और भारत का रणनीतिक लाभ
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूत संबंध दिखाए हैं, कई बार उन्हें दोस्त कहकर संबोधित किया है। उनके राष्ट्रपति बनने पर भारत को कई क्षेत्रों में फायदा हो सकता है।
चीन पर नीति और व्यापार अवसर
ट्रंप हमेशा से चीन के प्रति सख्त नीति का समर्थन करते रहे हैं और अमेरिका की चीन पर व्यापारिक निर्भरता कम करना चाहते हैं। ट्रंप के आने पर चीन का "मोस्ट फेवर्ड नेशन" दर्जा खत्म होने की संभावना है, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर बन सकते हैं और भारत-अमेरिका व्यापार बढ़ सकता है।
भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडेन या हैरिस के मुकाबले ट्रंप भारत के आंतरिक मामलों में कम दखल देंगे। बाइडेन प्रशासन ने कई बार मानवाधिकार और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के मामलों में टिप्पणी की है, जबकि ट्रंप इस तरह की हस्तक्षेप से बच सकते हैं, जिससे एक सम्मानजनक द्विपक्षीय संबंध बना रह सकता है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की भूमिका
ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की इच्छा जताई है। यह भारत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि रूस और यूक्रेन दोनों भारत के प्रमुख साझेदार हैं। रूस में स्थिरता भारत के हित में है।
भारत पर आर्थिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के आने से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, सोने की कीमतें मजबूत हो सकती हैं और डॉलर वैश्विक स्तर पर अधिक सशक्त हो सकता है। अगर तेल की कीमतें घटती हैं तो भारत को ऊर्जा लागत में लाभ हो सकता है, हालांकि डॉलर की मजबूती से विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ सकता है।
ये भी पढ़ें: US Election 2024: वोटिंग से नतीजों तक, जानें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया