Vrindavan के कथावाचक आचार्य कौशिक ने हिंदुओं से माफी क्यों मांगी? जानें पूरा मामला
Vrindavan के एक मशहूर कथावाचक आचार्य कौशिक ने हिंदू समाज से माफी मांगी है। हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह रेल पटरी के बीच में बैठकर शिवलिंग का अभिषेक करते नजर आ रहे थे। गंदी रेल पटरियों के बीच भगवान शिव का जलाभिषेक करने पर हिंदू समाज के कुछ लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर इसके विरोध में गुस्सा व्यक्त किया।
भावनात्मक स्थिति में किया जलाभिषेक
कथावाचक आचार्य कौशिक ने इस घटना के बाद माफी मांगी और इसे अपनी भावनात्मक स्थिति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि वह शिवभक्त हैं और जब तक भगवान शिव का अभिषेक नहीं कर लेते, तब तक अन्न ग्रहण नहीं करते। आचार्य कौशिक का कहना है कि यह सब उन्होंने अपनी भावनाओं में बहकर किया और यदि इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह सभी भक्तों और संत समाज से क्षमा प्रार्थी हैं।
वृंदावन छोड़ने की धमकी
( पूराण मनीषी) श्री आचार्य कौशिक जी महाराज
— आचार्य भरत तिवारी जी RSP संगठन मंत्री (@AcharyaBharatJi) October 31, 2024
आपसे सवाल आप इस पूजा से सहमत हैं हां/ नहीं🚫
जनता और आप सब इस पूजा से कौन कौन सहमत हैं
भगवान शिव जी को इस तरह से रेलवे लाइन➖ पर रखने का इनको अधिकार है
क्या इन्होंने सनातन धर्म का अपमान नहीं किया? pic.twitter.com/H2vO8gwptD
आचार्य कौशिक ने बताया कि इस घटना के बाद कुछ लोगों ने उन्हें वृंदावन छोड़ने की धमकी दी है। उन्होंने इस बात को लेकर कहा कि वह निडर हैं और निडर रहेंगे। आचार्य कौशिक ने कहा कि उनका मकसद हमेशा से ही हिंदू सनातनी धर्म को बढ़ावा देना और गौसेवा करना रहा है। उन्होंने कोरोना काल में भी लाखों लोगों तक अन्न पहुंचाया और उनकी सेवा की।
सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश का आरोप
आचार्य कौशिक ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ हिंदू विरोधी ताकतें उन्हें बदनाम कर सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने अपने पुण्य कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सभी से निवेदन किया है कि यदि इस वीडियो से किसी को ठेस पहुंची है तो वह बार-बार क्षमा मांगते हैं। उनका कहना है कि वह गौवंश की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित हैं।