Afghanistan: तालिबान का नया फरमान, महिलाओं पर इबादत के दौरान आवाज न सुनने की पाबंदी
Afghanistan: तालिबान सरकार ने महिलाओं पर एक नया तुगलकी फरमान जारी किया है, जिसके तहत उन्हें कुरान पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इस आदेश के अनुसार, महिलाएं न तो जोर से कुरान पढ़ सकती हैं और न ही अन्य महिलाओं की उपस्थिति में इसे aloud पढ़ सकती हैं। यह आदेश 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद महिलाओं पर लगाए गए सबसे कठोर प्रतिबंधों में से एक है। तालिबान के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने इस नियम को अजान पर पूर्व में लगे प्रतिबंधों का विस्तार बताया है।
मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी का बयान
मोहम्मद खालिद हनफी ने कहा कि अगर महिलाएं अजान नहीं कर सकती हैं, तो गाना या संगीत सुनने की अनुमति का सवाल ही पैदा नहीं होता। उनके अनुसार, नमाज के दौरान महिलाओं की आवाज को ऊंचा नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक महिला की बात निजी होती है और उसे किसी और को सुनना नहीं चाहिए। इससे पहले, तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे समेत पूरे शरीर को ढंकने का आदेश दिया था।
बढ़ते प्रतिबंधों से महिलाओं की चिंताएं बढ़ीं
मानवाधिकार विशेषज्ञों और तालिबान के जानकारों के अनुसार, महिलाओं को डर है कि यह प्रतिबंध उनके घरों के भीतर तक पहुंच सकता है। अब यह प्रतिबंध उनके घरों में गाने या जोर से कुरान पढ़ने तक सीमित हो गया है, जो महिलाओं की सामाजिक मौजूदगी और आजादी पर सीधा असर डाल रहा है।