कोरोना की जंग में भारत का साथ देगा अमेरिका, हर संभव मदद पर दिया भरोसा
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर काफी घातक साबित हो रही है. ऐसे में रोजाना बड़ी संख्या में रिकॉर्ड तोड़ नए कोरोना केस सामने आने के साथ ही बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं. ऐसे में ब्रिटेन ने पहले भारत को मदद देने का फैसला किया. इसके बाद अमेरिका ने भी अब भारत को वैक्सीन उत्पादन, ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर्स तक हर स्तर पर मदद करने की बात कही है. यह सहमति अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच हुई बातचीत में बनी है. इस बातचीत में अमेरिका ने भारत की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के लिए कच्चा माल देने के लिए सहमति भी जताई है.
बतादें रविवार को अमेरिका के एनएसए जेक सुलिवन ने भारत के एनएसए अजित डोभाल से फोन पर बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने भारतीयों के प्रति हमदर्दी जताई. गौरतलब है भारत और अमेरिका के बीच सात दशकों को मेडिकल सेक्टर का सहयोग रहा है. ऐसे में दोनों देशों ने इस कोरोना संकट के समय भी एक-दूसरे का साथ देने का बात कही है. कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी. अब अमेरिका भारत को मदद देने पर सहमत हुआ है.
अमेरिका इस दौरान जल्द से जल्द भारत को कोरोना संकट से लड़ाई के लिए हर संभव मदद देने और संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार है. अमेरिका भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के उत्पादन के लिए कच्चा माल देने को भी तैयार है. भारत में कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज और फ्रंट लाइन वर्कर्स को सुरक्षित रखने के लिए अमेरिका जरूरी पीपीई किट, टेटिंग किट, वेंटिलेटर्स समेत अन्य चीजें भेजेगा.
साथ ही अमेरिका तत्काल रूप से भारत को ऑक्सीजन उत्पादन और इसकी सप्लाई के लिए जरूरी संसाधन भेजने को भी राजी है. अमेरिका भारत की वैक्सीन निर्माता कंपनी को फंड देने को भी तैयार है. ताकि कंपनी 2022 के अंत तक 1 अरब कोरोना वैक्सीन डोज बना सके. इस बैठक में दोनों देशों के एनएसए भविष्य में भी एक-दूसरे से लगातार संपर्क में रहने को राजी हुए हैं.
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