Australia-China: ऑस्ट्रेलिया ने डिफेंस में किया सबसे बड़ा बदलाव, चीन की बढ़ती ताकत देख टेंशन में कई देश
Australia-China: ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अब तक के सबसे बड़े रक्षा तैयारी का खुलासा किया है. ऑस्ट्रेलिया अब भारत की तरह ही देश के अंदर हथियार और गोला बारूद बनाने पर फोकस करने जा रहा है. इसके लिए सरकार ने परमाणु हथियारों वाली पनडुब्बियां और लंबी रेंज वाली मिसाइलें खरीदने की योजना बनाई है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की सरकार 98 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी. पूरी प्लानिंग के लिए 110 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है. इसमें कहा गया है कि मिसाइलों के युग में केवल दुनिया से दूर रहकर अपनी सुरक्षा नहीं की जा सकती है.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया एक आईलैंड नेशन है, उसकी जमीनी सीमा दूसरे देशों जुड़ी हुई नहीं है. ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद चीन की जंगी तैयारी सबसे ज्यादा है. ऑस्ट्रेलिया को रक्षा पर अधिक पैसा खर्च करने, अपने स्वयं के गोला-बारूद बनाने और लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है.
Australia-China अपने डिफेंस की तैयारी में जुटे
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद चीन ने सबसे तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ाई है जिसमें किसी तरह की पारदर्शिता नहीं रखी है. ऐसे में हिंद प्रशांत महासागर में चीन के इरादों पर कुछ नहीं कहा जा सकता है जो ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा पैदा कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस मिनिस्टर रिचर्ड मार्ल्स ने कहा कि हमें एक ऐसी फोर्स की जरूरत है जो चुनौतियों का डटकर सामना कर सके. 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज वाली मिसाइलें भविष्य में सेना की जरूरतों को पूरा करेंगी.
अल्बानीज ने कहा, 'हम पुरानी धारणाओं के पीछे नहीं जा सकते हैं. हमें निश्चित रूप से भविष्य को तय करने के लिए अपनी सुरक्षा को मजबूत बनाना होगा न कि भविष्य का इंतजार करना होगा कि वह इसे आकार दे.' पिछली सरकार के अरबों डॉलर के योजना की समीक्षा की गई. वह भी तब जब चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगातार दादागिरी दिखा रहे हैं.
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