बांग्लादेश: अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हुआ हमला, कट्टरपंथियों ने घरों और मंदिरों में की जमकर तोड़फोड़

 
बांग्लादेश: अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हुआ हमला, कट्टरपंथियों ने घरों और मंदिरों में की जमकर तोड़फोड़

पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमला हुआ है. इस दौरान मंदिरों को निशाना बनाया गया. इसके अलावा हिंदुओं के 100 घरों को आग के हवाले कर दिया गया और लूटपाट भी की गई. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना शुक्रवार को बांग्लादेश के खुलना जिले के रूपशा उपजिला के शियाली गांव में हुई. वहीं, पुलिस का कहना है कि इस संबंध में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वारदात के बाद से पूरे इलाके में डर का माहौल है.

हिंदू भक्तों और इस्लामी मौलवी के बीच हुई तीखी बहस

स्थानीय लोगों ने बताया कि शुक्रवार को पूर्वा पारा मंदिर से शियाली श्मशान घाट तक रात करीब नौ बजे महिला श्रद्धालुओं के एक समूह ने जुलूस निकाला. उन्होंने रास्ते में एक मस्जिद पार की थी, इस दौरान मस्जिद के इमाम ने जुलूस का विरोध किया. इससे हिंदू भक्तों और इस्लामी मौलवी के बीच तीखी बहस हुई. तय हुआ कि शनिवार को इस मामले को पुलिस के समक्ष उठाया जाएगा. समाचार एजेंसी IANS के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार दोपहर हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह बताया कि इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक शनिवार शाम करीब पांच बजकर 45 मिनट पर करीब सौ हमलावर गांव पहुंचे. हिंसा के दौरान मंदिरों में तबाही मचाई गई और घरों में तोड़फोड़ की गई. साथ ही शियाली गांव में हिंदू समुदाय के लोगों की छह दुकानों में तोड़फोड़ की गई. वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में 30 लोग घायल हुए. इन सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. बताया गया कि हथियारों से लैस लोगों ने हमला किया.

https://twitter.com/UnityCouncilBD/status/1424224346042683395?s=20

इमाम ने बताया क्यों हुआ विवाद

स्थानीय मस्जिद के इमाम मौलाना नाजिम उद्दीन ने कहा, शुक्रवार रात ईशा की नमाज के दौरान कीर्तन गाते हुए हिंदू समुदाय के लोग शियाली महाश्मशान मंदिर की ओर जा रहे थे. इस वजह से हाथापाई हुई. उन्होंने कहा कि जब मैंने उनसे नमाज के दौरान मस्जिद के सामने कीर्तन नहीं गाने का आग्रह किया तो किसी ने मुझे धक्का मार दिया. इस वजह से स्थिति हाथ से निकल गई. हालांकि, पुलिस के पहुंचने और बीच-बचाव करने के बाद मामला शांत हुआ. दूसरी ओर, कृष्ण गोपाल सेन ने कहा कि हिंदू समुदाय के लोगों में से किसी ने भी मस्जिद के इमाम को धक्का नहीं दिया था.

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