यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच में पुतिन से मुलाकात करने पहुंचे इमरान खान, नाराज अमेरिका ने दी यह सजा
Feb 26, 2022, 13:15 IST
पैसों के लिए दर-दर भीख मांगने को मजबूर हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने पहुंचे थे. उन्हें आशा था कि रूस से उन्हें करीब 1 अरब अमेरिकी डॉलर्स का फंड मिलेगा लेकिन न ही उन्हें रूस से मदद मिली और न ही कोई समझौता हुआ. उल्टा इससे नाराज अमेरिका ने पाकिस्तान को ये सजा दे दी. आइये जानते है पूरा मामला..... नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान (NBP) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी नियामकों के साथ अपनी न्यूयॉर्क शाखा पर लगाए गए जुर्माने में $ 5.5 करोड़ का भुगतान करने के लिए एक समझौता किया है जिससे उसके शेयरों में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. फेडरल रिजर्व बोर्ड, फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क, और न्यूयॉर्क स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (एनवाईडीएफएस) ने गुरुवार को घोषणा की कि एनबीपी (नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान) की न्यूयॉर्क शाखा पर गैर-अनुपालन और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग उल्लंघनों के लिए $ 55.4 मिलियन तक का जुर्माना लगाया जाएगा. शुक्रवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) को एक नोटिस में एनबीपी ने कहा कि उसने अमेरिकी नियामकों के साथ एक समझौता किया है. नोटिस में कहा गया है, "समझौते में ऐतिहासिक अनुपालन कार्यक्रम की कमजोरियों और अनुपालन से संबंधित संवर्द्धन करने में देरी पर केंद्रित $ 55.4 मिलियन का जुर्माना शामिल है." कारोबारी सत्र में जुमे की नमाज के ब्रेक तक बैंक के शेयरों में 7.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इसमें कहा गया है कि अनुचित लेनदेन या जानबूझकर कदाचार का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है न्यूयॉर्क शाखा मई 2020 से नए प्रबंधन के अधीन है और एनबीपी ने अपने अनुपालन कार्यक्रम को काफी हद तक बढ़ाया है, जिसे अमेरिकी नियामकों द्वारा मान्यता दी गई थी. पाकिस्तान सरकार का एनबीपी में 75.20 प्रतिशत हिस्सा है जो देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों में से एक है. वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जून 2018 से अपने आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग शासनों में कमियों के लिए पाकिस्तान को अपनी 'ग्रे लिस्ट' में रखा है. आरिफ हबीब लिमिटेड के शोध प्रमुख ताहिर अब्बास ने बताया, "हमें एफएटीएफ की समीक्षा पर इस दंड के महत्वपूर्ण प्रभाव की उम्मीद नहीं है. हालांकि पाकिस्तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बने रहने की उम्मीद है." पाकिस्तान के सबसे बड़े बैंक, एचबीएल को भी 2017 में इसी तरह के जुर्माने का सामना करना पड़ा था. जब अमेरिकी नियामकों ने शुरू में मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का पालन न करने के लिए $ 630 मिलियन का जुर्माना लगाया था जिसे बाद में $ 225 मिलियन में संशोधित किया गया था. इससे एक बार फिर पाकिस्तान की इंटरनेशनल लेवल पर फजीहत हुई है जो भारत के खिलाफ हमेशा कश्मीर राग अलापता रहता है और दिन पर दिन आर्थिक बदहाली से जूझती इमरान खान सरकार के लिए अंतिम दिन माने जा रहे है क्योंकि उनकी सरकार जाने का खतरा लगातार बढ़ रहा है.