अनाज की बढ़ती कीमतों पर लगेगी लगाम,रूस से रियायती कीमतों पर गेहूं की खरीदी करेगा भारत

देश में गेहूं की लगातार बढ़ती कीमतों को रोकने .के लिए भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार देश में सप्लाई बढ़ाने के लिए रूस से डिस्काउंटेड प्राइस पर गेहूं इंपोर्ट करने पर विचार कर रहा है। भारत सरकार सप्लाई बढ़ाने के साथ-साथ फूड इन्फ्लेशन और अनाज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाना चाहती है। यही वजह है कि भारत दुनिया भर में बढ़ती कीमतों के बावजूद डिस्काउंटेड प्राइस पर गेहूं इंपोर्ट करने के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है।
90 लाख मीट्रिक टन गेहूं का इंपोर्ट कर सकता है भारत
भारत को कमी को पूरा करने के लिए केवल 30 से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की जरूरत है, लेकिन रूस से 80-90 लाख मीट्रिक टन गेहूं का इंपोर्ट किया जा सकता है। जिससे सरकार को देश में गेहूं की कीमतों को ज्यादा से ज्यादा कम करने में मदद मिलेगी। रूसी गेहूं इंपोर्ट करने का सरकार का प्लान गरीबों पर महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए है। इसके अलावा सरकार रूरल स्कीम्स को बढ़ावा देने के साथ- साथ फ्यूल, अनाज और दाल जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों को कम कर सप्लाई बढ़ाना चाहती है।
महंगाई 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी
इसइंपोर्ट से सरकार को देश में गेहूं की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी। गेहूं की कीमतें बढ़ने से जुलाई में महंगाई 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार प्राइवेट ट्रेड और गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट डील्स के जरिए इंपोर्ट की संभावना तलाश रही है। सरकार यह फैसला सोच समझकर लेगी।
फाइनल डिसिजन में कुछ हफ्ते लगेंगे
सूत्रों के मुताबिक, रूस से गेहूं इंपोर्ट करने को लेकर फाइनल डिसिजन लेने में सरकार को कुछ हफ्ते लग सकते हैं। हालांकि, इस खबर को लेकर भारतीय सरकार की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
भारत रूस से सन- फ्लावर ऑयल भी इंपोर्ट कर रहा है
एक अधिकारी ने बताया कि रूस ने डिस्काउंट पर भारत को गेहूं बेचने का संकेत दिया है। रूस के खाने-पीने की चीजों के एक्सपोर्ट पर कोई बैन नहीं है । भारत रूस से सन-फ्लावर ऑयल भी इंपोर्ट कर रहा है और अमेरिकी डॉलर में पेमेंट कर रहा है। गेहूं के इंपोर्ट में भी यह रणनीति अपनाई जा सकती है।