भारतीय परिवार ने दिखाई ईमानदारी, 10 लाख डॉलर की लॉटरी टिकट महिला को लौटाई वापस

 
भारतीय परिवार ने दिखाई ईमानदारी, 10 लाख डॉलर की लॉटरी टिकट महिला को लौटाई वापस

अमेरिका में भारतीय मूल के एक परिवार ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है. इस भारतीय मूल के परिवार ने अपने कस्टमर का 1 मिलियन डॉलर यानी करीब 7 करोड़ 30 लाख रुपये की लॉटरी का टिकट वापस कर दिया, जिसे लॉटरी टिकट खरीदने वाली महिला ने बेकार समझकर फेंक दिया था. इस लॉटरी टिकट ने रातों-रात उस अमेरिकी महिला को करोड़पति बना दिया.

दरसअल ली रोज़ फिएगा नामक महिला ने मार्च के महीने में ‘लकी स्टॉप’ नामक दुकान से लॉटरी का एक टिकट खरीदा था. यह दुकान साउथविक इलाके में रहने वाले भारतीय मूल के एक परिवार की है. महिला अक्सर इस दुकान से टिकट खरीदती थी. फिएगा ने सोमवार को बताया, ‘मेरा लंच ब्रेक था और मैं जल्दी में थी. मैंने जल्दबाजी में टिकट का नंबर खुरचा और उसे देख कर लगा कि मेरी लॉटरी नहीं निकली है तो मैंने उन्हें टिकट दे कर उसे फेंकने के लिए कहा.’

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टिकट मिलने के बाद दो रातों तक नहीं आई नींद: शाह परिवार

न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी खबर में बताया कि महिला ने जल्दबाजी में टिकट पूरी तरह नहीं खुरचा था और यह टिकट बेकार टिकटों के बीच दस दिन तक रखा रहा. इसके बाद दुकान के मालिक के बेटे अभि शाह की नजर उस टिकट पर गई. खबर में अभि शाह ने कहा, ‘यह टिकट उसकी मां अरुणा शाह ने बेचा था और जिसे बेचा था वह महिला हमारी नियमित ग्राहक थी.’ स्थानीय टेलीविजन स्टेशन डब्ल्यूडब्ल्यूएलपी ने अपनी खबर में अभि के हवाले से बताया, 'एक शाम मैं बेकार पड़े टिकटों को देख रहा था और मैंने देखा कि उन्होंने ठीक से नंबर को खुरचा नहीं है. मैंने नंबर को खुरचा और देखा कि उसमें दस लाख डॉलर का इनाम है.'

अभि ने कहा, इस टिकट को देखने के बाद मैने सोचा कि मैं रातोंरात करोड़पति बन गया, लेकिन उनके परिवार ने इस लॉटरी टिकट को उसे खरीदने वाली महिला ली रोज फिएगा को वापस करने का निर्णय लिया. शाह परिवार ने कहा कि टिकट वापस करने का निर्णय आसान नहीं था. दुकान के मालिक मुनीश शाह ने कहा, हम दो रात सोए नहीं.

लेकिन अभि शाह ने भारत में अपनी दादी को फोन किया और दादी ने कहा कि टिकट वापस कर दो, हमें वह पैसा नहीं चाहिए. इसके बाद परिवार ने टिकट वापस करने का फैसला किया. पूरी घटना पर फिएगा ने कहा, अभि शाह मुझे बुलाने आया तो मैं वहां पहुंची, तब मुझे पूरी बात पता चली। मुझे विश्वास ही नहीं हुआ. मैं रोई और उन्हें गले से लगाया. भारतीय मूल के इस परिवार की इमानदारी के लिए उनकी खूब प्रशंसा हो रही है.

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