'डेल्टा से ज़्यादा ख़तरनाक है लैंब्डा वेरिएंट'- मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया आगाह

 
'डेल्टा से ज़्यादा ख़तरनाक है लैंब्डा वेरिएंट'- मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया आगाह

पहले ‘अल्फा’ फिर ‘डेल्टा’ और उसके बाद ‘डेल्टा प्लस’…. और अब कोरोना के नए वैरिएंट ‘‘लैंब्डा’’, इसने दुनिया भर में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों की नींदें उड़ा दी है. यूरोपीय देशों विशेषकर ब्रिटेन में लैंब्डा स्वरूप (सी.37) से संक्रमण के अब तक छह मामले सामने आने की बात कही जा रही है. यूपी में चिकित्सा विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय कमेटी ने अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से नए वैरिएंट से जुड़ी सभी ताजा-तरीन सूचनाएं साझा करने का अनुरोध किया है.

वहीं मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताते हुए कहा है कि यह डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक है. मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में लैंब्डा वेरिएंट के मामलों का पता चला है. मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया, 'लैंब्डा स्ट्रेन पेरू में सबसे पहले पाया गया. यह दुनिया में सबसे अधिक मृत्यु दर वाला देश है.'

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WHO ने लैंब्डा को घोषित किया 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलियाई समाचार पोर्टल news.com.au की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ब्रिटेन में भी लैंब्डा वेरिएंट का पता चला है. द स्टार ने बताया कि रिसर्चर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह वेरिएंट 'डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक' हो सकता है. यूरो न्यूज ने पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (पीएएचओ) के हवाले से बताया कि पेरू में मई और जून के दौरान रिपोर्ट किए गए कोरोनावायरस केस के कुल सैंपल्स में से 82 फीसदी में लैंब्डा पाया गया.

गौरतलब है विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले ही लैंब्डा को दक्षिण अमेरिका में वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया है. WHO ने कहा कि लैंब्डा अधिक संक्रामक है और एंटीबॉडी पर तेज हमला करता है. इस बीच, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) ने अंतरराष्ट्रीय विस्तार और L452Q और F490S सहित कई म्यूटेशन के कारण लैंब्डा को वेरिएंट ऑफ इन्वेस्टिगेशन की लिस्ट में जोड़ा है.

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