अफगानिस्तान: जानें कौन हैं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर? तालिबान सरकार का मुखिया नियुक्त!
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के करीब 20 दिन बाद तालिबान अब सरकार बनाने की तैयारी में है. इस सरकार की लीडरशिप तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) के हाथों में होगी. इसके अलावा तालिबान के मुखिया अखुंदजादा को संरक्षक या सुप्रीम लीडर जैसा कोई पद मिल सकता है. वहीं तीन सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर (Mullah Omar) के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब (Mullah Mohammad Yaqoob) और शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई (Sher Mohammad Abbas Stanekzai) को भी सरकार में वरिष्ठ पद मिल सकता है.
कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर?
1968 में अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत में जन्मा बरादर शुरू से ही धार्मिक रूप से कट्टर था. वह तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का साला है. बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 1992 में रूसी सेना को खदेड़ने के बाद अफगानिस्तान देश के प्रतिद्वंद्वी सरदारों के बीच गृहयुद्ध में घिर गया था. बरादर ने अपने पूर्व कमांडर मुल्ला उमर के साथ कंधार में एक मदरसा स्थापित किया था. इसके बाद मुल्ला उमर और मुल्ला बरादर ने तालिबान की स्थापना की थी.
9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर धावा बोला तब तालिबान के सभी बड़े नेताओं को पाकिस्तान में पनाह मिली थी. इन नेताओं में मुल्ला उमर और अब्दुल गनी बरादर भी शामिल थे. बताया जाता है कि बरादर को पाकिस्तान ने फरवरी 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार किया था।. हालांकि, इसका खुलासा करीब एक हफ्ते बाद किया गया था. इसके बाद बरादर को अक्टूबर 2018 तक पाकिस्तान की जेल में रखा गया और बाद में अमेरिका के अनुरोध पर उसे छोड़ दिया गया.
तालिबान के कई बड़े नेता तक अखुंदजादा को नहीं देख पाते
वहीं, हैबतुल्ला अखुंदजादा देश का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा. वह एक ऐसा आतंकी है, जिसको उसके ही संगठन के बहुत ही कम लोग देख पाते हैं. तालिबान के कई बड़े नेताओं को भी उसके ठिकाने के बारे में नहीं पता है. वह रोजमर्रा की जिंदगी में क्या कर रहा है, इसकी जानकारी भी तालिबानी लड़ाकों के पास नहीं होती. हालांकि, इस्लामिक त्योहारों पर वीडियो मैसेज के जरिए वह आतंकियों को पैगाम जरूर भेजता है.
ये भी पढ़ें: 23 साल बाद पाकिस्तान से मध्य प्रदेश वापस लौटे प्रहलाद, जानें क्यों हुई थी जेल