म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद बढ़ी बर्बरता, 3000 नागरिक भागे थाईलैंड
म्यांमार में सेना द्वारा तख्तापलट के बाद सेना की बर्बरता दिन-पर-दिन लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार को एक व्यक्ति की अंतिम यात्रा पर ओपन फायरिंग करने के अगले दिन एयरफोर्स ने बॉर्डर से सटे एक गांव पर हवाई फायर किया. ये लोग उन 114 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, जिनकी एक दिन पहले शनिवार को हत्या की गई थी.
इसमें बच्चों समेत कई लोगों की मौत का भी दावा किया जा रहा है. रायटर्स ने लोकल मीडिया के हवाले से बताया कि यह गांव म्यांमार के दक्षिणपूर्वी करेन राज्य में है. हमले से बचने के लिए लोगों ने पास की गुफाओं में छिपकर जान बचाई.
बतादें, म्यांमार की सेना ने जिस गांव पर हमला किया, वह थाईलैंड की सीमा से सटा हुआ है. सेना के हमले से डरकर यहां के लगभग 3,000 लोग थाईलैंड भागने को मजबूर हो गए. यह इलाका विद्रोही गुट करेन नेशनल यूनियन (KNU) के कब्जे वाला माना जाता है. KNU का कहना है कि वह उन सैकड़ों लोगों को शरण दे रहा है, जो हाल के हफ्तों में देश में बढ़ी हिंसा के बीच भाग सेंट्रल म्यांमार पहुंचे हैं.
अब देश में गृह युद्ध छिड़ने की संभावना तेज हो गई है (Myanmar Protests Military Coup). कारेन नेशनल यूनियन (केएनयू) नामक इस समूह का दक्षिणपूर्वी क्षेत्र पर नियंत्रण है (Myanmar Army Launches Air Strikes). सेना ने हवाई हमला रात के करीब 8 बजे किया था, जिसके बाद ग्रामीणों को वहां से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
मृतकों में बच्चे भी शामिल
जिन 114 लोगों की हत्या हुई है, उनमें 10 से 16 साल की उम्र के छह बच्चे भी शामिल हैं. इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना की जा रही है. म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपॉर्टोरिटी ने कहा है कि सेना ने ‘बड़ी संख्या में हत्याएं’ की हैं और उन्होंने दुनिया को सैन्य सरकार का साथ नहीं देने की अपील की है. साथ ही कहा है कि यहां की सेना तक हथियारों की पहुंच को रोका जाए (Myanmar Protests Reason). पश्चिमी देशों ने म्यांमार के सैनिकों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं और उनकी आलोचना की है.
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