पाकिस्तानी उच्च शिक्षा आयोग ने जारी किया तालिबानी फरमान, इस त्योहार को मनाने से लगाई रोक

 
पाकिस्तानी उच्च शिक्षा आयोग ने जारी किया तालिबानी फरमान, इस त्योहार को मनाने से लगाई रोक

Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन जारी है। अब एक तालिबानी फैसले में पाकिस्तानी उच्च शिक्षा आयोग ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में होली या ऐसे अन्य त्योहार मनाने पर रोक लगा दी है। दरअसल, 12 जून को इस्लामाबाद स्थित यूनिवर्सिटी में होली महोत्सव हुआ था। इस कार्यक्रम के वायरल वीडियो में बड़ी संख्या में छात्र नाचते और एक-दूसरे पर रंग डालते दिख रहे हैं। आयोग ने कहा, कैंपस में इस्लामाबाद ऐसे कार्यक्रम पाकिस्तानी और इस्लामिक सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग और देश की पहचान कमजोर करने वाले हैं।

https://twitter.com/KesooMalKheealD/status/1671528873303891969?s=20

सोशल मीडिया पर काफी आलोचना

आयोग ने ऐसे कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबंध की बात नहीं लिखी, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों को सलाह दी है कि ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहें। सरकार  के इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है। कुछ छात्रों ने कहा कि होली और दिवाली जैसे त्योहार हिंदुओं और सिंधी समुदाय के प्रमुख त्योहार हैं। पाकिस्ता सरकार न तो सिंधी भाषा स्वीकार करती है और न हिंदू त्यौहारों को सम्मान देती है।

WhatsApp Group Join Now

पाकिस्‍तानी नेताओं ने भी किया था विरोध


इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता और नेशनल एसेंबली सदस्य खीयल दास कोहिस्तानी ने पाकिस्‍तानी शिक्षा मंत्री राणा तनवीर को पाकिस्‍तान के विश्वविद्यालयों में होली के सेलिब्रेशन पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर आगाह किया था. खीयल दास कोहिस्तानी ने बुधवार (21 जून) को ट्वीट कर कहा था, ''राणा तनवीर साहब, होली प्यार फैलाने वाले रंगों का त्योहार है. कायदे आजम ने पाकिस्तानभर में धार्मिक प्रथाओं के लिए सम्मान की घोषणा की थी तो हिंदू समुदाय को आहत करने के लिए यह पत्र क्यों प्रसारित किया जा रहा है? वजीर-ए-आजम के रूप में नवाज शरीफ साहब ने भी इस समुदाय के साथ होली मनाई थी।

ये भी पढ़ें: International Yoga Day 2023- 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस? जानें ये खास वजह

Tags

Share this story