अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से होगी वतन वापसी, राष्ट्रपति बाइडन ने की घोषणा

 
अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से होगी वतन वापसी, राष्ट्रपति बाइडन ने की घोषणा

अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध में अमेरिका ने 11 सितंबर तक सभी सैनिकों की पूरी तरह वापसी का निर्णय लिया है. 9/11 हमले की 20वीं बरसी यानी 11 सितंबर तक सभी अमेरिकी सैनिक यहां से निकल जाएंगे. पहले यह समयसीमा 1 मई थी लेकिन ढाई हजार से ज्यादा सैनिकों की वापसी को देखते हुए समय बढ़ा दिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणा की.

बाइडन ने कहा कि हजारों सैनिकों को केवल एक देश की सुरक्षा पर केंद्रित करना और अरबों डॉलर खर्च करना सही निर्णय नहीं है. उन्होंने विशेषतौर पर पाकिस्तान और रूस, चीन, भारत और तुर्की से अपील की वे अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में मदद करें. बाइडेन ने कहा कि हम बाहर निकलने की जल्दबाजी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि तालिबान को पता होना चाहिए कि अगर वे हम पर हमला करते हैं हम वापसी को रोक सकते हैं, हम सभी साधनों के साथ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करेंगे.

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बाइडेन ने कहा हम अफगानिस्तान की मदद के लिए क्षेत्र के अन्य देशों, जैसे पाकिस्तानि, रूस चीन, भारत और तुर्की से समर्थन करनेके लिए कहेंगे. अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य में इन सभी की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.

बाइडेन ने आगे कहा, हम अफगानिस्तान में हमारी सैन्य मौजूदगी को बढ़ाना जारी नहीं रख सकते और उम्मीद करते हैं कि सैनिकों की वापसी के लिए एक आदर्श स्थिति तैयार करेंगे ताकि अलग परिणाम प्राप्त हों. बाइडेन ने कहा, ''मैं अमेरिका का चौथा राष्ट्रपति हूं जिसके कार्यकाल में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. दो रिपब्लिकन राष्ट्रपति और दो डेमोक्रेट, मैं इस जिम्मेदारी को पांचवें राष्ट्रपति के लिए नहीं छोड़ूंगा"

अलकायदा के 9/11 हमले के बाद साल 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान में सेना उतारी थी. इस युद्ध में अमेरिका ने 2400 सैनिकों को खोया है. साथ ही इस युद्ध पर अमेरिका ने 2 ट्रिलियन डॉलर यानी 150 लाख करोड़ रुपए के करीब खर्च किए हैं. मई 2011 में अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया लेकिन न तो तालिबान को खत्म कर पाया और न ही अफगानिस्तान में शांति स्थापित कर पाया है. बाइडेन प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि लंबी बहस और कई रिपब्लिकन के विरोध के वाबजूद राष्ट्रपति बाइडेन ने यह निर्णय लिया है.

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