रूस की अर्थव्यवस्था पर युद्ध का असर: 2 साल बाद लिया बड़ा निर्णय, रूबल ने तोड़े रिकॉर्ड

रूस के केंद्रीय बैंक ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लिया है, जिसमें उसने ब्याज दरों में 1% की कटौती की घोषणा की है। अब देश की नई बेंचमार्क पॉलिसी रेट 21% से घटकर 20% हो गई है। यह सितंबर 2022 के बाद पहली बार है जब रूस ने ब्याज दरों में कटौती की है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि घरेलू मांग अब भी आपूर्ति से तेज़ है, लेकिन अर्थव्यवस्था अब संतुलित विकास की ओर बढ़ रही है। इसका मतलब है कि महंगाई को काबू करने के लिए पहले जो सख्त पॉलिसी अपनाई गई थी, वह अब असर दिखा रही है।
हालांकि, बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि पॉलिसी तब तक सख्त बनी रहेगी जब तक महंगाई को 4% के लक्ष्य तक नहीं लाया जाता। रूस की अर्थव्यवस्था पर फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारी दबाव पड़ा था। कमजोर रूबल के कारण आयात महंगे हो गए, जिससे महंगाई में वृद्धि हुई। लेकिन पॉलिसी टाइटनिंग, पूंजी नियंत्रण और डॉलर की कमजोरी के कारण रूसी मुद्रा मज़बूत हुई है, और अब रूबल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली करेंसी बन गई है। बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, इस साल अब तक रूसी रूबल दुनिया की सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही है। शुक्रवार को ब्याज दर कटौती के बाद डॉलर के मुकाबले रूबल 2.72% कमजोर हुआ, लेकिन फिर भी साल-दर-साल प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।
रूस के ब्याज दर कटौती पर 7 महत्वपूर्ण बिंदु:
-
ब्याज दर में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती – रूस के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर को 21% से घटाकर 20% कर दिया है, यह सितंबर 2022 के बाद पहली कटौती है।
-
महंगाई में मिली थोड़ी राहत – अप्रैल 2025 में रूस की मुद्रास्फीति दर 6.2% रही, जबकि पहली तिमाही में यह औसतन 8.2% थी।
-
मौद्रिक नीति सख्त बनी रहेगी – केंद्रीय बैंक ने कहा कि मौद्रिक नीति ‘लंबे समय तक सख्त’ बनी रहेगी ताकि 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
-
घरेलू मांग की स्थिति – बैंक का कहना है कि देश की घरेलू मांग अभी भी आपूर्ति की क्षमता से ज्यादा बनी हुई है, लेकिन धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था संतुलन की ओर बढ़ रही है।
-
यूक्रेन युद्ध का दबाव – फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध ने रूसी अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव डाला, खासकर रूबल की कमजोरी और महंगे आयात के कारण।
-
रूबल का बेहतरीन प्रदर्शन – बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, रूसी रूबल 2025 में अब तक की सबसे मजबूत करेंसी रही है, जो पूंजी नियंत्रण, नीति सख्ती और डॉलर की कमजोरी के कारण है।
-
शांति की उम्मीदें कम – साल की शुरुआत में उम्मीद थी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कोई समझौता या युद्धविराम करा सकते हैं, लेकिन अब यह संभावना धीमी हो गई है।