Russia-Ukraine Conflict: व्लादिमीर पुतिन ने Ukraine में सैन्य कार्यवाही के दिए आदेश, अमेरिका को दो-टूक
लंबे समय से चलते आ रहे रुस- यूक्रेन विवाद में अब रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज सुबह-सुबह एक महत्वपूर्ण एलान कर दिया हैं। पुतिन ने यूक्रेन पर “सैन्य कार्यवाही” करने के आदेश दे दिए हैं। AFP न्यूज एजेन्सी के ट्विटर हैंडल पर आज सुबह-सुबह इस बात की पुष्टि कर दी हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे कॉन्फ़्लिक्ट में दुनिया को भी काफी नुक़सान होगा।
पुतिन ने साफ कहां है कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले और वापस जाए। पुतिन ने आगे इशारों ही इशारों में अमेरिका से साफ कहां की किसी भी देश का दख़ल बर्दाश्त नही किया जाएगा। अगर किसी ने दख़ल दिया तो उसे भी अंजाम भुगतने होंगे। साथ ही पुतिन ने यह भी कहां की इस जंग के बाद परिणाम ऐसे होने वाले हैं, जो किसी ने कभी नहीं देखेंगे होंगे। हालाँकि पुतिन ने यह भी कहां की वह यूक्रेन पर फ़िलहाल क़ब्ज़ा नहीं करना चाहते हैं।
पुतिन की दुनिया को दो-टूक
पुतिन अब आर-पार के मूड में हैं, उन्होंने NATO में शामिल सभी देशों से साफ कह दिया हैं की “हम सभी परिणाम भुगतने को तैयार हैं। सारे फ़ैसले अब चुके हैं, इसके बाद पुतिन ने यह भी माना की इस जंग से रूस की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुक़सान होगा। लेकिन इसके बावजूद पुतिन एक-दो साल के आर्थिक नुक़सान को झेलने के लिए तैयार हैं।
भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अगर रूस की तरफ से सैन्य कार्यवाही हुई तो इसका असर भारत पर इस भी पड़ेगा। दरअसल भारत यूक्रेन और रूस दोनो का ही मित्र देश हैं। ऐसे में भारत किसी के ख़िलाफ जल्दीबाज़ी में कुछ ऐसा बयान नहीं देना चाहता था। जिससे दोनो देशों से सम्बंध ख़राब हो, संयुक्त राष्ट्र में भारत ने बातचीत पर ज़ोर दिया हैं। यूक्रेन से भारत हथियारों की डील करता आया हैं। भारत के सुरक्षा बेड़े में कई प्रमुख सैन्य हथियारों में यूक्रेन में बने इंजन का इस्तेमाल हुआ हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच माजरा क्या हैं ?
दरअसल यूक्रेन ने NATO के सदस्य के रूप में उसमें शामिल होना चाहता हैं। आपको बता दे की नाटो में अमेरिका का काफी प्रभाव हैं, या यह कहना भी सही होगा की NATO अमेरिका के आदेश पर ही चलता हैं। ऐसे में यूक्रेन की सीमा रूस से लगती हैं। जिसके कारण रूस चाहता हैं की यूक्रेन NATO का सदस्य ना बने क्योंकि इससे रूस की आंतरिक सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती हैं।
दुनिया पर क्या असर पड़ेगा ?
रूस और यूक्रेन के बीच जंग हुई तो इसका सीधा असर सबसे पहले मध्य एशिया पर पड़ेगा। मध्य एशिया के कई देश रूस से पेट्रोल और कच्चे तेल का इंपोर्ट करते हैं। इस जंग के बाद होने वाले नुक़सान की वजह से पेट्रोल महंगा हो जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से पहले ही पेट्रोल महंगा हो चुका हैं।
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