Russia-Ukraine War: काखोवका डैम टूटने से मची तबाही, 24 गांवोंं के 17000 से ज्यादा लोग हुए बेघर

  
Russia-Ukraine War: काखोवका डैम टूटने से मची तबाही, 24 गांवोंं के 17000 से ज्यादा लोग हुए बेघर

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. जिसके चलते मंगलवार को यूक्रेन का सबसे बड़ा डैम काखोवका तबाह हो गया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक डैम का पानी जंग के मैदान तक पहुंच गया है. बता दें कि ये बांध दक्षिणी यूक्रेन में सोवियत रूस के समय बनाया गया था . बांध में हमला करने के बाद बांध टूट गया है जिससे यूक्रेन के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है.सोशल मीडिया पर टूटे बांध की फोटो और वीडियो वायरल हो रही है जिसमें दिख रहा है कि पानी का बहाव काफी तेजी है.

जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिणी यूक्रेन (Southern Ukraine Dam Blast) में नाइपर नदी पर बना काखोवका डैम रूस के कब्जे वाले इलाके में है. इसलिए यूक्रेन के उत्तरी कमांड के सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि डैम पर रूस द्वारा हमला किया गया है. वहीं दूसरी तरफ रूस ने किसी भी प्रकार के हमले से इंकार किया है. बांध टूटने से तबाही की आशंका को देखते हुए राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने भी इमरजेंसी बैठक बुलाई है।​​​​​.

https://twitter.com/AntonioSabatoJr/status/1666031498544267266?s=20

दो दर्जन गांवो में आई बाढ़ (Russia-Ukraine War)

दक्षिणी यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले एक डैम पर मंगलवार को हुए हमले के बाद भारी मात्रा में पानी बहने लगा. दो दर्जन गांवों में बाढ़ आ गई और 17,000 लोगों को वहां से निकालना पड़ा. रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन को दोषी ठहराया जबकि कीव ने रूसी सेना पर इस हमले का आरोप लगाया है. इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित लगभग 80 समुदायों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों का इस्तेमाल किया गया. नदी तट पर स्थित काज़कोवा डिब्रोवा चिड़ियाघर पूरी तरह से बाढ़ में डूब गया था और सभी 300 जानवर मर गए. बता दें कि नोवा कखोव्का बांध के ढहने के बाद नीप्रो नदी के साथ रूसी और यूक्रेनी नियंत्रित क्षेत्रों में लगभग 42,000 लोग बाढ़ के खतरे की जद में आ गए है.

पहले भी तबाह किया जा चुका है बांध

इस बांध को 1941 में भी तबाह किया गया था. बांध को तबाह (Southern Ukraine Dam Blast) कर USSR ने हिटलर की जर्मन सेना को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की थी. जिसके चलते 29 अगस्त 1941 के दिन सोवियत संघ के प्रवक्ता लोजोवस्की ने मीडिया को एक बयान देते हुए बताया था कि जापोरिजिया में नाइपर नदी पर बने बांध को तबाह कर दिया गया है ताकि वो नाजी डाकूओं के हाथ न लगे. जानकारी के लिए बता दें कि इस बांध को सोवियत संघ ने अपने पहले फाइव ईयर प्लान यानी पंच वर्षीय योजना के तहत बनाया था. इसे बनने में 8 साल लगे थेऔर इससे नाइपर नदी के दोनों तरफ पानी की आपूर्ती को पूरा किया जाता था.

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