ईरानी मॉडल पर सरकार बनाएगा तालिबान! जानें क्या है यह कैबिनेट मॉडल? जल्द ही एलान संभव
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. सूत्रों के अनुसार जल्द ही इसका एलान संभव है. टोलो न्यूज़ के मुताबिक, तालिबान सरकार बनाने के लिए ईरान का फॉर्मूला अपनाएगा. यहां एक सुप्रीम लीडर होगा और उसके अंतर्गत प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति काम करेगा. तालिबान के कल्चर कमीशन के मेंबर अनामुल्लाह समनगनी ने बताया, ‘हमारी नई इस्लामिक सरकार दुनिया के लिए एक मॉडल होगी. मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा ही हमारे सुप्रीम लीडर होंगे और उनकी अगुवाई में हम काम करेंगे.’
क्या है ईरानी मॉडल
ईरान में इस्लामिक सरकार है. जहां पर एक सर्वोच्च नेता होता है. पूरी सरकार का नियंत्रण उसके हाथों में ही होता है। सर्वोच्च नेता के तहत ही राष्ट्रपति सरकार चलाता है. संसद भी साथ-साथ काम करती है। अभी ईरान में अयातुल्ला अली खामेनेई सर्वोच्च नेता हैं. वहीं इब्राहिम रईसी ईरान के राष्ट्रपति हैं. रईसी को खामनेई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. ईरान में 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद दो ही सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हुए हैं जिनमें अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी और उनके उत्तराधिकारी, अयातुल्ला अली खामेनेई हैं.
शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद खुमैनी ने ईरान की राजनीतिक संरचना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अयातुल्ला खामेनेई 1989 में खुमैनी की मृत्यु के बाद सर्वोच्च नेता बने. उन्होंने सत्ता पर एक मजबूत पकड़ बनाए रखी है. ईरान में सर्वोच्च नेता ही ईरान के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ होते हैं और सुरक्षा सेवाओं का पूरा नियंत्रण उनके हाथों में ही होता है. वह न्यायपालिका के प्रमुख, प्रभावशाली लोगों की परिषद के आधे सदस्यों, शुक्रवार को होने वाली प्रार्थना के नेताओं और राज्य टेलीविजन और रेडियो नेटवर्क के प्रमुखों को भी नियुक्त करता है. सर्वोच्च नेता की बहु-अरब डॉलर की धर्मार्थ नींव भी ईरानी अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को नियंत्रित करती है.
तालिबान राष्ट्रपति भवन में करेगा भव्य समारोह
इस बीच काबुल (Kabul) स्थित राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह के लिए तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, तालिबान की नई सरकार के गठन के मौके पर भारत समेत कई देशों के प्रमुखों को न्योता भेजा जाने वाला है. कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के डिप्टी प्रमुख शेर अब्बास स्तानिकजई ने इस बात की पुष्टि की कि नई सरकार में सभी अफगान जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व होगा. उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने 2001 में अमेरिकी कब्जे के बाद कैबिनेट में सेवाएं दीं, उन्हें नई कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी.’
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