दुनिया का सबसे बड़ा विमान 'Mriya' रूस द्वारा हुआ तबाह, इसलिए था दुनिया में ख़ास
Feb 28, 2022, 17:23 IST
दुनिया का "सबसे बड़ा विमान Mriya को रूस ने यूक्रेन से युद्ध के बीच तबाह कर दिया है. इस विमान को 'कोविड के सबसे अंधेरे घंटों में आशा का प्रतीक' घोषित किया गया था. इसे यूक्रेन हमले के बीच रूस द्वारा नष्ट कर दिया गया है. यूक्रेन ने रविवार को इस बारे में आधिकारिक पुष्टि की. विमान को "Mriya" (म्रिया) कहा जाता था जिसका अर्थ यूक्रेनी में सपना"होता है. इसे 'कोविड के सबसे काले घंटों में आशा का प्रतीक' घोषित किया गया था. दुनिया का सबसे बड़ा विमान म्रिया दुनिया भर में बड़ी मात्रा में जीवन रक्षक वैक्सीन और पीपीई किट ले जाने के लिए मशहूर था. विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर लिखा, "रूस ने भले ही हमारे 'म्रिया' को नष्ट कर दिया हो लेकिन वे एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय देश के हमारे सपने को कभी भी नष्ट नहीं कर पाएंग. हम जीतेंगे! " बता दें कि विमान कीव के बाहर नष्ट कर दिया गया था. https://twitter.com/MFA_Ukraine/status/1498021385398018061?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1498021385398018061%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.hindustantimes.com%2Fworld-news%2Fworlds-biggest-plane-a-symbol-of-hope-destroyed-by-russia-says-ukraine-101646012848714.html यह 84 मीटर लंबा (276 फीट) था और यह 850 किलोमीटर प्रति घंटे (528 मील प्रति घंटे) की गति से 250 टन (551,000 पाउंड) कार्गो तक ले जा सकता था. मालवाहक विमान Mriya यूक्रेन की एंटोनोव एयरलाइंस द्वारा संचालित किया गया था. यूक्रेन ने कहा है कि वह विमान का पुनर्निर्माण करेगा. कथित तौर पर 'मरिया' को बहाल करने के लिए पांच वर्षों में $ 3 बिलियन (2.7 बिलियन यूरो) से अधिक खर्च होंगे. देश रूसी सेना से नुकसान की भरपाई का दावा करने की उम्मीद कर रहा है. राज्य के स्वामित्व वाले हथियार निर्माता उक्रोबोरोनप्रोम ने बयान में कहा, "हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि इन खर्चों को रूस द्वारा कवर किया जाए, जिसने जानबूझकर यूक्रेन के विमानन को नुकसान पहुंचाया." प्रारंभ में सोवियत वैमानिकी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में निर्मित इस विमान एन-225 ने 1988 में अपनी पहली उड़ान भरी. सोवियत संघ के पतन के बाद उड़ान नहीं भरने के वर्षों के बाद, एकमात्र मौजूदामॉडल ने 2001 में गोस्टोमेल में एक परीक्षण उड़ान भरी वह भी कीव से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी के लिए.