चीन में बढ़ने लगी कुंवारे मर्दों की संख्या, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

 
चीन में बढ़ने लगी कुंवारे मर्दों की संख्या, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

दुनिया की सबसे ज्‍यादा आबादी वाले चीन में दुल्‍हनों का अकाल पड़ गया है. 10 साल में एक बार होने वाली जनगणना में खुलासा हुआ है कि चीन में करीब 3 करोड़ अविवाहित लोग हैं. दरअसल, चीन में लंबे समय से बेटे को लेकर लोगों में कुछ ज्‍यादा ही चाहत है. चीनी लोगों की यही चाहत अब उनके लिए संकट का सबब बन गई है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजा जनगणना में लड़कियों की कुल आबादी में थोड़ी बढ़ोत्‍तरी हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में लैंगिक असमानता का मुद्दा जल्‍द खत्‍म होने के आसार नहीं हैं. चीन के सातवें राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या आंकड़े के मुताबिक पिछले साल पैदा हुए एक करोड़ 20 लाख बच्‍चों में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. इसके मुताबिक 113.3 लड़कों पर मात्र 100 लड़कियां हैं.

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चीनी परिवारों में बेटों को लेकर कुछ ज्‍यादा ही इच्‍छा

चीन के प्रफेसर स्‍टूअर्ट गिइतेन बास्‍तेन ने कहते हैं, 'चीन में सामान्‍य तौर पर पुरुष उन महिलाओं से शादी करते हैं जो उनसे उम्र में काफी छोटी होती हैं लेकिन जनसंख्‍या के बूढ़ी होने की वजह से और ज्‍यादा बुजुर्ग हो गए हैं. इससे स्थिति और ज्‍यादा खराब हो गई है.'

एक अन्‍य प्रफेसर ब्‍जोर्न अल्‍पेरमान चेतावनी देते हैं कि ये बच्‍चे जब शादी की उम्र तक पहुंचेंगे तब संभावित दुल्‍हनों की भारी किल्‍लत होगी. उन्‍होंने कहा, 'पिछले साल जन्‍मे एक करोड़ 20 लाख बच्‍चों में से 6 लाख बच्‍चों को अपनी उम्र की पत्‍नी के बिना ही रहना पड़ेगा.' गौरतलब है, चीन ने वर्ष 1979 में एक बच्‍चे की नीति को लागू किया था और उसे वर्ष 2016 में वापस ले लिया गया था. माना जाता है कि इसी नीति की वजह से चीन में लड़कियों को गर्भ में मारने और बेटे को जन्‍म देने को प्रोत्‍साहन मिला.

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