अमेरिका: पहली बार आसमान में ड्रोन से विमान में भरा गया तेल, दुनिया हैरान!
अमेरिकी नौसेना ने चार जून को मानवरहित ड्रोन टैंकर के जरिए हवा में F/A-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान में ईंधन भरकर इतिहास रच दिया है. अमेरिका के इस आधुनिक तकनीकी प्रदर्शन से पूरी दुनिया हैरान है. दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ड्रोन से लड़ाकू विमान में एयर रिफ्यूलिंग की गई है. इसमें जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया वह बोइंग का MQ-25 स्टिंग्रे है. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
बतादें मानवरहित ड्रोन MQ-25 T1 ने हवा में उड़ान के दौरान ही एक विमान में जाकर सफलतापूर्वक ईंधन भरा. ये दुनिया का पहला ऐसा मामला है. अमेरिकन नेवी के एडमिरल ब्राइन कोरे (Rear Admiral Brian Corey) ने कहा है कि ये कार्य पूरी सफलता से किया गया. अमेरिकन नेवी ने अपने ट्विटर हैंडल से इस उपलब्धि को शेयर भी किया है. नेवी की ओर से कहा गया है कि एमक्यू-25 (MQ-25 T1 ) टैंकर मिशन की ज़रूरतों को पूरा करने वाला है. इससे विमान वाहकों की क्षमता से बढ़ोत्तरी होगी.
एयरक्राफ्ट कैरियर पर कम होंगी दुर्घटनाएं
एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरना और लैंडिंग करना बहुत जोखिम वाला काम माना जाता है. ऐसे में इस ड्रोन की मदद से अब हवा में ही लड़ाकू विमानों को ईंधन दिया जा सकेगा. इससे अमेरिकी नौसेना के एफए 18 सुपर हॉर्नेट बेड़े को काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है. वहीं बार-बार लैंडिंग और टेक ऑफ से बचने के कारण लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने का चांस भी कम हो जाएगा और उनका ईंधन भी बचेगा.
बतादें इस प्रशिक्षण में विमान ने यूएवी के ईंधन वाली नली एरियल रिफ्यूलिंग स्टोर पॉड को 20 फीट की दूरी से कनेक्ट किया गया. तब दोनों विमान जमीन से 10000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे. इस दौरान MQ-25 यूएवी ने 300 पाउंड ईंधन की सप्लाई की. ठीक ऐसा ही कारनामा 16000 फीट की ऊंचाई पर भी किया गया. इस दौरान ड्रोन ने लड़ाकू विमान को 100 पाउंड ईंधन सप्लाई किया.
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