क्या WHO ने कोरोना वायरस को लेकर और पहले नहीं किया आगाह? इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला है इससे न जाने कितने लोगों के घर सूने हो गए हैं. वहीं अब कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक रिपोर्ट में खुलासा कर कहा गया है कि महामारी के भयावह पैमाने को रोका जा सकता था. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस महामारी को लेकर और पहले लोगों को अलर्ट कर सकता था.
स्वतंत्र ग्लोबल पैनल ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महामारी के भयावह पैमाने आने से रोका जा सकता था. खतरनाक कोरोना वायरस और खराब तालमेल के कारण चेतावनी के संकेत अनसुने कर दिए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के खतरे को नजरअंदाज कर दिया गया था और लगभग सभी देश इससे निपटने के लिए तैयार नहीं थे.
WHO के सदस्य राज्यों ने किया था रिपोर्ट का अनुरोध
पैनल ने WHO पर हमला बोलते हुए कहा है कि संगठन 22 जनवरी, 2020 की स्थिति को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मामले के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर सकता था. लेकिन फिर भी उसने ऐसा करने के लिए आठ और दिनों का इंतजार किया. आपको बता दें कि पिछले साल इस रिपोर्ट का अनुरोध WHO के सदस्य राज्यों द्वारा किया गया था.
पैनल ने रिपोर्ट में वर्तमान महामारी से निपटने के लिए, सबसे अमीर देशों से सबसे गरीब देशों को एक अरब वैक्सीन की खुराक दान करने का आह्वान किया है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे धनी राष्ट्रों से अगली महामारी की तैयारी के लिए समर्पित नए संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया कराएं.
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