आखिर युद्ध के चरम पर यूक्रेन ने रूस के साथ बातचीत से क्यों किया मना ? जानें असली वजह

 
आखिर युद्ध के चरम पर यूक्रेन ने रूस के साथ बातचीत से क्यों किया मना ? जानें असली वजह
यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि उनका देश रूस के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है लेकिन बेलारूस देश में नहीं. बेलारूस वही देश है जो रूस द्वारा शुरू किये गए 3 दिन पुराने आक्रमण के लिए स्टेजिंग ग्राउंड था. रविवार को एक वीडियो संदेश में बोलते हुए, राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने वारसॉ, ब्रातिस्लावा, इस्तांबुल, बुडापेस्ट या बाकू को वैकल्पिक स्थानों के रूप में नामित किया. उन्होंने कहा कि रूस के साथ बातचीत के लिए अन्य स्थान भी संभव हैं लेकिन स्पष्ट किया कि यूक्रेन बातचीत के लिए रूस द्वारा बेलारूस के चयन को स्वीकार नहीं करता है. क्रेमलिन ने रविवार को कहा कि एक रूसी प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए बेलारूस के होमेल शहर में आया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में सैन्य अधिकारी और राजनयिक शामिल हैं. पेसकोव ने कहा, "रूसी प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए तैयार है, और हम अब यूक्रेनियन प्रतिनिधिमंडल की प्रतीक्षा कर रहे हैं." रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला शुरू किया किया. उत्तर में मास्को के सहयोगी मुल्क बेलारूस से सैनिकों के साथ और पूर्व और दक्षिण से भी यूक्रेन पर हमला शुरू किया गया. ताजा अपडेट के अनुसार रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुँच चुकी है और वहां यूक्रेन की सेना और लड़ाई में शामिल नागरिकों से उसकी लड़ाई जारी है जबकि यूक्रेन ने रूस को बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा किया है. यूक्रेन ने बेलारूस में बातचीत का प्रस्ताव ठुकरा दिया है क्योंकि बेलारूस रूस का मित्र देश है और भले ही आधिकारिक तौर पर वह युद्ध का हिस्सा न हो लेकिन अगर वहां यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल पहुँचता तो उसके कैद होने या मार दिए जाना का खतरा था. दूसरी तरफ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से देर से मिल रही मदद के कारण यूक्रेन को अभी इस युद्ध में वापसी की उम्मीद है और वह अधिक से अधिक दिनों तक इस युद्द को खींचना चाहता है जिससे रूस को घेरा जा सके. रूस ने भी इससे पहले बातचीत के लिए शर्त राखी थी कि मौजूदा सरकार को हटाया जाए और यूक्रेन की सेना वहां तख्तापलट करे.

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