क्या चीन में आई है मंदी, अर्थव्यवस्था हो रही कमजोर, बन रहे 1930 के ग्रेट डिप्रेशन जैसे हालात
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बीजिंग, बेरोजगारी की 20 फीसदी की दर से जूझ रहे चीन में अब पत्रकारों को आर्थिक चुनौतियों पर बोलना प्रतिबंधित किया जा रहा है। यहां एक प्रभावशाली बिजनेस पत्रकार वू जियाओबो का वीबो चीन का ट्विटर जैसा सोशल मीडिया पोर्टल) अकाउंट प्रतिबंधित कर दिया गया है। जियाओबो ने एक विस्तृत लेख में चीन की आर्थिक समस्याओं की तुलना 1930 की अमरीका की भीषण आर्थिक महामंदी से की थी। वू जियाओबो के 47 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे।
वीबो ने बताया प्रतिबंध का कारण
वीबो ने जियाओबो के सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रतिबंध की सूचना देते हुए कहा है कि प्रासंगिक कानूनों नियमों के उल्लंघन के कारण यह एकाउंट वर्तमान में प्रतिबंधित है। कंटेंट मॉडरेटर ने सूचना दी कि 'शेयर बाजार में की उथलपुथल को लेकर 'दुष्प्रचार करने' और 'बेरोजगारी दर को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए तीन सत्यापित उपयोगकर्ताओं को ब्लॉक कर दिया गया है।वीवो ने बंद किए गए खातों के पूरे नाम नहीं दिए, लेकिन कहा है कि उनमें से एक का नाम वू से शुरू होता था और वो पर समाप्त होता था। चीन में कोविड के बाद से वांछित रिकवरी नहीं दिख रही है।
घटती ग्रोथ रेट और बढ़ती बेरोजगारी
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने . पिछले कई सालों में पहली बार चीन की ग्रोथ रेट के अनुमानों में कमी की है और 2023 में चीन के ग्रोथ रेट अनुमान को 5.5 से घटाकर 5.2 कर दिया है। चीन में फरवरी 2023 के बाद सेपीएमआइ (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) में लगातार गिरावट है। फरवरी में ये 52.60 था जबकि अब ये गिरकर 48 पर आ गया है। गौरतलब है कि पीएमआइ का 50 से कम होना अर्थव्यवस्था में सिकुड़न का संकेत देता है।
नई विदेश नीति, दिखी आक्रामकता
चीन ने अपनी विदेश नीति में नया डॉक्ट्राइन जोड़ लिया है। इसके अंतर्गत चीन को जहां भी हितों का खतरा दिखेगा, वहां वह प्रतिकार करने वाले उपयुक्त कदम उठा सकता है। पश्चिम के साथ चल रहे तनाव पूर्ण संबंधों के बीच इसे चीन द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत करने वाला एक कदम माना जा रहा है। चीन में 1 जुलाई से अमल में आ रहे इस कानून के बाद अब अमरीका द्वारा हाइटेक समानों से जुड़े प्रतिबंधों का सामना करने के लिए चीन अब उचित कदम उठाने की घोषणा कर सकता है।मंदी की आशंकाओं के बीच अमरीका द्वारा उठाए गए इन प्रतिबंधात्मक कदमों को चीन अपने विकास को रोकने के प्रयास के रूप में देख रहा है। चीन की इस तरह की जैसे के साथ तैसा करने की नीति की औपचारिक घोषणा को भी जानकार चीन की आक्रामकता मान रहे हैं, जिससे घरेलू मोर्चे से ध्यान हटाया जा सके।
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