दुनिया में क्यों बढ़ रही है कट्टरपंथी? पोप फ्रांसिस ने बताई इसकी खास वजह
किसी एक देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों के अंदर कट्टरपंथी पैदा होने का आखिर क्या कारण है. लोगों में यह कट्टरपंथी कहां से आती है. इस सवालों का जवाब देते हुए पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने एक शनिवार शाम को इटली (Italy) के बोलोग्ना (Bologna) में चार दिवसीय बैठक के पहले दिन में कहा कि 'हमें सबसे ज्यादा लोगों को शिक्षित करने, न्यायसंगत, एकजुटता आधारित और आंतरिक विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि जब गरीबी और अज्ञानता होती हैं तो कट्टरपंथी हिंसा आसानी से अपनी जगह बना लेती है'.
इस दौरान पोप फ्रांसिस ने कहा कि गरीबी और अज्ञानता जैसे कारण ही कट्टरपंथी हिंसा फैलाने में सहायता करते हैं. फिर उन्होंने धार्मिक नेताओं और स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देकर इसे रोकने में मदद करने की अपील की. इसके बाद पोप ने कहा कि धर्मों के बीच परस्पर समझ को बढ़ावा देना चाहिए. साथ ही हिंसा और कट्टरवाद के काले बादलों से क्षितिज को मुक्त करने के लिए हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए.
सच्चाई का साथ दें: पोप फ्रांसिस
वहीं पिछले 40 वर्षों में दुनियाभर में प्रार्थना स्थलों पर करीब 5,000 लोगों के मारे जाने की पोप फ्रांसिस ने निंदा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं के तौर पर मेरा मानना है कि पहले हम सभी को सच्चाई का साथ देना चाहिए और बिना किसी डर या ढोंग के बुरे को बुरा घोषित करें खासतौर से जब ये उन लोगों द्वारा किया गया कृत्य हो, जो हमारे पंथ का पालन करने का दावा करते हैं. फिर पोप कहते हैं कि बड़ी अज्ञानता की वजह से लोगों का विश्वास कम हो जाता है.
बोलोग्ना फोरम (Bologna forum) में हिस्सा लेने के लिए जी-20 (G-20) में कई देशों के प्रतिभागी पहुंचे हैं. ये उन 20 देशों का एक समूह है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 80 फीसदी हिस्सा हैं. इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन और अमेरिका जैसे मुल्क मौजूद हैं.
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