भारत और यूरोप समेत कई देशों पर आखिर क्यों मंडरा रहा 'बिजली संकट' का खतरा? जानिए कारण

 
भारत और यूरोप समेत कई देशों पर आखिर क्यों मंडरा रहा 'बिजली संकट' का खतरा? जानिए कारण

भारत, चीन, अमेरिका और यूरोप समेत कई देशों में बिजली के संकट की समस्या पैदा हो रही है. जिसके कारण यूरोप में लोगों को मोमबत्ती जलाकर घर के काम करने को कहा जा रहा है. वहीं भारत की बात करें तो यहां पर कोयले की कमी के चलते कई राज्य उसकी मांग कर रहे हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर अचानक से ये बिजली का संकट क्यों और कहां से आ गया है. इसकी पीछे क्या कारण हो सकता है.

सबसे पहले बात करते हैं भारत की जहां पर दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट और व्बैलआउट का खतरा मंडरा रहा है. जिसके लिए राज्य सरकारों से केंद्र सरकार को लिखित पत्रकर भेजकर कोयले की आपूर्ति की मांग की है.

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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री बोले-'न पहले गैस की कमी थी, न भविष्य में होगी'

वहीं इस पर आज यानि रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह (RK Singh) ने अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि हमने आज सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी. दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी. फिर वह कहते हैं कि बैठक में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के सीएमडी भी थे. हमने उन्हें कहा है कि कांट्रैक्ट बंद हो या नहीं, गैस के स्टेशन को जितनी गैस की जरूरत है उतनी गैस आप देंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि न पहले गैस की कमी थी, न भविष्य में होगी.

वहीं चीन (China) में लोगों को पहले ही बिजली की कटौती से जूझना पड़ रहा है. इसके अलावा यूरोप (Europe) में प्राकृतिक गैस अब तेल के संदर्भ में 230 डॉलर प्रति बैरल के बराबर कारोबर कर रही है. कीमतें सितंबर की शुरुआत से 130 फीसदी से अधिक बढ़ चुकी हैं. वहीं, पूर्वी एशिया में सितंबर के महीने से प्राकृतिक गैस के रेट में 85 फीसदी का इजाफा हुआ है. तेल की कीमतों में ये 204 डॉलर प्रति बैरल है. हालांकि, अमेरिका की कीमतों में इजाफा हुआ है.

कैसी होने वाली हैं इस बार की सर्दियां

अमेरिका के वाशिंगटन में थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के ऊर्जा और भू-राजनीति विशेषज्ञ निकोस त्साफोसका कहना है कि सबसे ज्यादा इस बात का डर है कि इस बार सर्दियां कैसी होने वाली हैं. फिर वह कहते हैं कि लोगों के बीच चिंता की वजह से बाजार आपूर्ति और मांग के मूल सिद्धांतों से अलग हो गया है.

ये है कारण

आपको बता दें कि ये खतरा ऊर्जा की बढ़ती मांग की वजह से हो रहा है, क्योंकि महामारी के बाद फिर से कारखानें खुलने लगे हैं. इस साल की शुरुआत में असामान्य रूप से लंबी और ठंडी सर्दी ने यूरोप में प्राकृतिक गैस के भंडार को कम कर दिया था. ऊर्जा की बढ़ती मांग ने रिस्टॉकिंग की प्रक्रिया को तोड़ दिया है, जो आमतौर पर वसंत और गर्मियों में होता है. दूसरी तरफ चीन की बढ़ती भूख ने प्राकृतिक गैस के लिए भी मुसीबत को बढ़ा दिया है. वहीं, रूसी गैस निर्यात में गिरावट और असामान्य रूप से शांत हवाओं ने समस्या को और बढ़ा दिया है.

समुद्री लुटेरों की एक आंख ढकी रहने के पीछे है ये कारण 

https://youtu.be/wK64mYPEO78

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