कोरोनाकाल में भारतीयों ने 13 वर्षों का तोड़ा रिकॉर्ड, स्विस बैंक में जमा किया अधिक धन: रिपोर्ट
कोरोनाकाल एक और जहां कई लोगों पर आर्थिक संकट लेकर आया हैं तो कई मुल्कों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी हैं. बावजूद इसके दूसरी तरफ खबर ये भी है कि इस कोरोना काल के दौर में सबसे ज्यादा पैसे स्विस बैंक में भारतीयों ने जमा कराए हैं. केन्द्रीय बैंक की ओर से जारी किए गए सालाना डेटा में पता चला है कि साल 2020 में भारतीय रईसों और कंपनियों ने स्विस बैंक में सबसे ज्यादा पैसा जमा किया. जिसके चलते जमा रकम में बढ़ोत्तरी हुई है.
कोरोना के दौर में भी स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों की दौलत बढ़ती रही. 2020 में यह आंकड़ा 20,700 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले 13 साल में सबसे ज्यादा है. वहीं, 2019 की तुलना में यह 212% या 3.12 गुना ज्यादा है. बतादें, इस आंकड़े में भारत स्थित बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के जरिए की गई जमा राशि भी शामिल है. स्विस बैंकों में जमा बढ़ने की वजह सिक्योरिटीज और ऐसे ही दूसरे विकल्पों के जरिए होल्डिंग्स में तेज उछाल रहा. हालांकि, कस्टमर डिपॉजिट में लगातार दूसरे साल गिरावट आई.
डिपॉजिट में 6% की गिरावट
यह जानकारी स्विट्जरलैंड के केन्द्रीय बैंक द्वारा गुरुवार को जारी किए गए सालाना डेटा में दी गई है. इससे पहले लगातार दो साल स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा में गिरावट दर्ज की गई थी. डेटा के मुताबिक, 2019 के आखिर में स्विस बैंकों में भारतीयों और भारतीय कंपनियों की जमा का आंकड़ा 6,625 करोड़ रुपए था. जो 2018 के मुकाबले 6% कम था.
बैंक के मुताबिक, स्विस बैंकों में भारतीयों और भारतीय कंपनियों की 2020 के आखिर तक कुल 20,706 करोड़ राशि में में 4,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कस्टमर डिपॉजिट, 3100 करोड़ रुपए से ज्यादा दूसरे बैंकों के जरिए, 16.5 करोड़ रुपए ट्रस्ट के जरिए और करीब 13,500 करोड़ रुपए बॉन्ड, सिक्योरिटीज व विभिन्न अन्य वित्तीय विकल्पों के रूप में आए अन्य राशि के तौर पर शामिल हैं.
किस देश का सबसे ज्यादा धन स्विस बैंक में जमा
स्विस बैंक में जमा रकम के मामले में ब्रिटेन सबसे टॉप पर है. इस बैंक में ब्रिटेन के नागरिकों का 377 अरब स्विस फ्रैंक जमा हैं. वहीं दूसरे नंबर पर अमेरिका है, अमेरिका के लोगों के 152 अरब स्विस फ्रेंक जमा हैं. स्विस बैंक में जमाकर्ताओं के मामले में भारत का जमा 51वें नंबर पर है. वहीं भारत इस मामले में पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से आगे है.
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