Current Account Deficit: आरबीआई का बड़ा दावा आने वाली है "महामंदी", घाटे में पहुंच गई GDP
Current Account Deficit: पिछले दो साल से लगातार भारत समेत दुनिया को आर्थिकमंदी झेलनी पड़ रही है. वर्तमान में चल रहे यूक्रेन-रूस के युद्ध (Ukraine-Russia-War) से भी काफी असर पड़ रहा है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर सैंक्शन लगा दिए है. जिसके कारण आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लग गया है.
RBI ने बताया पिछले साल और इस साल का डेफ़िसिट
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने बीते दिन एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि भारत का चालू खाते का घाटा (Current Account Deficit) दिसंबर तिमाही में बढ़कर 23 अरब अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.7 प्रतिशत हो गया है. चालू खाते की स्थिति एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले खराब हुई है.
क्या है Current Account Deficit ?
करेंट अकाउंट डेफ़िसिट (Current Account Deficit) किसी भी देश के विदेश व्यापार में मजबूती या कमजोरी को दर्शाता है. जिससे वह यह आकलन कर सकें की इस समय देश की अर्थव्यवस्था की क्या स्तिथि है. भुगतान संतुलन ( Balance Of payment) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घाटा 9.9 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.3 प्रतिशत था.
कम्प्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं का मज़बूत प्रदर्शन ?
हालांकि, इस दौरान कंप्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं के मजबूत प्रदर्शन की वजह से शुद्ध सेवा प्राप्तियों में वृद्धि हुई है. अगर आंकड़ों के खंगाला जाए तो चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में चालू खाते का घाटा जीडीपी (GDP) का 1.2 प्रतिशत था. जबकि अप्रैल-दिसंबर, 2020 (April-December 2020) की समान अवधि में यह 1.7 प्रतिशत का था.
एक साल पहले और इस साल में कितना अंतर आया ?
तो चलिए आपको बताते है की एक साल पहले और अब क्या स्तिथि है. एक साल पहले इसी अवधि में यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.2 अरब डॉलर या 0.3 प्रतिशत का था. केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने आगे अपनी बात में कहा कि दिसंबर तिमाही में व्यापार घाटे के मोर्चे पर दबाव देखने को मिला, और बढ़ते आयात के कारण यह बढ़कर 60.4 अरब डॉलर हो गया. अब देखना होगा की आगे अर्थव्यवस्था की तरफ जाती है.
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