Retail Inflation Rise: फिर बढ़ी महंगाई, आम आदमी की बढी मुसीबत

 
Retail Inflation Rise: फिर बढ़ी महंगाई, आम आदमी की बढी मुसीबत

पेट्रोल और डीजल का दाम कई कुछ दिनों से नहीं बढ़ रहा है। इसके साथ-साथ कई खाद्य पदार्थ का दाम भी स्थिर है लेकिन कोरोना के आने की अचानक दाम में फिर बढ़ोतरी शुरु हो गई है।

अक्टूबर की तुलना में नवंबर में फिर एक बार खुदरा महंगाई फिर से बढ़ गई है। जहां अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई का आंकड़ा 4.48 फीसदी था। वहीं नवंबर महीने में महंगाई का आंकड़ा बढ़कर 4.91 फ़ीसदी पर पहुंच गया।

यह सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़े है। भले ही खाद्य वस्तुओं की कीमतों मैं तेजी से खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है परंतु अब भी आरबीआई के तय किए गए लक्ष्य के दायरे में है।

सरकार लगातार घरेलू स्तर पर पेट्रोल/डीजल की कीमतों की समीक्षा कर रही है। यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री द्वारा कहा गया है‌ वैसे बीते नवंबर में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 'केंद्रीय उत्पाद शुल्क' में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।

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इसके बाद ही कई राज्य सरकारों द्वार इंधनो पर लगने वाले वैट में कमी की गई। साथ ही कहा गया की कच्चे तेल की घरेलू कीमत कच्चे तेल की कीमतों के अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क से जुड़ी हुई है। यह आपूर्ति और मांग कई कारकों की वजह से प्रभावित होती है जैसे वायदा कारोबार, कोरोना परिस्थिति के प्रभाव और भू-राजनीतिक।

मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा, यह RBIद्वारा कहां गया बयान है। क्योंकि तुलनात्मक आधार का प्रभाव अब प्रतिकूल हो गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार, मुख्य मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उच्चस्तर पर रहेगी। उसके बाद इसमें नरमी आएगी।

https://youtu.be/JbkLTIjJuHk

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