Rise in Lemon Price: खुल गई पोल! अच्छा तो इस वजह से बढ़े नींबू के दाम?
Rise in Lemon Price: बीते दिनों से नींबू के दामों ने कोहराम मचाया हुआ हैं. नींबू के रेट इस कदर बढ़ गए जैसे मार्च के महीने में गर्मी. नींबू के आसमान छूते भाव (Rise in Lemon Price) थोक में भी नींबू के दाम इन दिनों 150 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम देश की अलग-अलग मंडी में बने हुए हैं. इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि इस बार नींबू का उत्पादन देश में बेहद कम रहा है.
इस समय एक नींबू का दाम करीब 7 से 15 रुपये तक हो गया है. आपको बता दें कि 15 दिन पहले जो नींबू थोक में 250 रुपए किलो से ऊपर तक मंडी में बिक रहा था. उसके दामों में पिछले सप्ताह में थोड़ी गिरावट आयी हैं.इसके दाम 100 से 120 रुपए किलो तक आ गए थे. लेकिन इस सप्ताह फिर नींबू के भावों में फिर से
तेजी है और इसके दाम 150 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं.
गर्मी के इस मौसम में नींबू की आवक 150 से 200 टन तक रहती है. इसलिए आवक कम होने और मांग अधिक होने से नींबू के दामों में भारी तेजी बनी हुई है. इसलिय नींबू के दाम आसमान छू रहे है. नींबू के दाम में उछाल इसलिए भी आया है क्योंकि अभी-अभी नवरात्रि ख़त्म हुई है उस दौरान नींबू का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है.
वहीं अब रमज़ान का महीना चल रहा है रोज़ेदार दिन-भर भूखे प्यासे रहते है और इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है. जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए रोज़ेदार नींबू का उपयोग कर रहे है और इस बार नींबू का उत्पादन भी कम रहा है. जिसकी वजह से नींबू का रेट आसमान छू रहा हैं. तो चलिए अब आपको बताते है की नींबू का उत्पादन क्यों कम रहा है.
नींबू कोई सीजन की फसल तो है नहीं कि इसमें सीजन की तरह कम और ज़्यादा उत्पादन में होती हो. नींबू के पेड़ एक बार लगने के बाद सालों-साल फल देते रहते हैं. लेकिन इस बार किसानों ने बताया कि नींबू के उत्पादन के पीछे पेड़ सूखने जैसी कोई समस्या नहीं है. सांगानेर में एक फार्म हाउस में नियमित खेती करने वाले किसान बजरंग सैनी ने बताया कि इस बार उनके पेड़ों में फल नहीं आए हैं.
कृषि वैज्ञानिक और ग्लोबल विवेकानंद यूनिवर्सिटी के डीन प्रो. होशियार सिंह ने बताया कि इस बार मार्च के पहले सप्ताह में ही उत्तर भारत में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया. मार्च के पहले पखवाड़े में ही नींबू में फूल आते हैं और फिर फ्रूट सेटिंग होती है. लेकिन इसके लिए तापमान 32 डिग्री से कम होना जरूरी होता है। तापमान अचानक बढ़ जाने से इस बार फ्रूट सेटिंग नहीं हो सकी और इस तरह से पेड़ों में फल नहीं आए. जिसकी वजह से नींबू के दाम बढ़ गए.
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