मेटा के स्टॉक गिरने और मार्क जुकरबर्ग के टॉप-10 से बाहर होने पर, जेरोधा के को- फ़ाउंडर ने बताई वजह
बीते दिन फेसबुक के स्टॉक 24 घंटे के अंदर बहुत तेज़ी से गिरे थे। मेटा के निराशाजनक तिमाही नतीजों ने सोशल मीडिया कंपनी के शेयर में गुरुवार को एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करवा दी थी। इससे पहले एलान मस्क की कंपनी के भी स्टॉक्स काफ़ी तेज़ी से गिरे थे। मेटा के स्टॉक में लगभग 26 फीसदी की गिरावट के साथ अब उसकी मार्केट वैल्यू में 200 अरब डॉलर की कमी आ गई हैं। जो किसी भी अमेरिकन कंपनी की मार्केट वैल्यू में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट के रूप में दर्ज हुआ हैं।
फ़ॉर्ब्स के मुताबिक, फेसबुक के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मार्क जुकरबर्क की संपत्ति अब घटकर 85 अरब डॉलर तक आ खिसक गई है। पहले फेसबुक के नाम से जानी जाने वाली कंपनी में मार्क ज़करबर्ग के पास 12.8 फीसदी हिस्सेदारी थी। अब इसमें गिरावट के बाद मार्क जुकरबर्ग को दुनिया के टॉप-10 अमीर लोगों की सूची से भी बाहर कर दिया हैं। साल 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि फेसबुक सीईओ का नाम इस लिस्ट से हट गया हैं।
मार्क के टॉप-10 से हट जाने के बाद ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने मेटा शेयरों में आई इस भारी गिरावट पर अपनी टिप्पणी करते हुए यह कहा है कि यह कंपनी की अप्रत्याशित ग्रोथ का स्वाभाविक परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि किसी प्लेटफॉर्म के यूजर्स में अनिश्चितकाल तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं की जा सकती हैं। यह जरूरी नहीं है कि हमेशा कोई कंपनी अप्रत्याशित रूप से केवल आगे बढ़ती रहे।
निखिल कामत ने आगे कहा कि आम तौर पर, वैल्युएशन और स्टॉक प्राइस में गिरावट के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके लिए किसी एक कारण को ही जिम्मेदार मानना उचित नहीं हैं। निखिल कामत का कहना है कि कुछ एनालिस्ट्स प्रतिस्पर्धी ऐप्स को मेटा के यूजर्स में गिरावट का कारण मान रहे हैं। लेकिन, वास्तव में ऐसा है नहीं हैं जहां, मेटा का सबसे बड़ा विरोधी टिकटॉक बैन है, वहां भी सुस्त ग्रोथ ही हैं।
केवल डेटा प्राइस बढ़ने से ग्ही रोथ रुकी, ऐसा नहीं कह सकते फेसबुक ने भारत के संबंध में कहा है कि डेटा प्राइस बढ़ने के कारण उसकी ग्रोथ यहां सुस्त हुई हैं। हालांकि, उनकी यह बात और डेटा प्राइस में कोई संबंध हो सकता हैं। लेकिन ग्रोथ में यही एक फैक्टर बाधा बना है, ऐसा कहना बहुत ग़लत हो सकता हैं। निखिल ने कहा कि यूजर्स की संख्या के मामले में भारत फेसबुक का सबसे बड़ा बाज़ार हैं। इसलिए भारत ग्लोबल मार्केट में उसके प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाएगा।
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