Happy Birthday, Sanjay Mishra: इस लेजेंड्री आर्टिस्ट द्वारा निभाए गए कुछ बेहतरीन किरदार
नई दिल्लीः कभी कॉमिक तो कभी अनोखा किरदार निभाने के लिए जाने जाने वाले मशहूर अभिनेता संजय मिश्रा ( Sanjay Mishra) ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे के कुछ बेहद लोकप्रिय शोज़ जैसे चाणक्य (1991-'92) और ऑफिस ऑफिस (2000) से की। यह शो अपने समय के बेहद चर्चित शो थे। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा ( नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा ) से अपनी पढाई पूरी करने वाले एक्टर संजय मिश्रा ने फिल्मों में काफी सफलता पाई और 1995 में बड़े पर्दे पर अपनी शुरुआत के बाद से 140 से अधिक फिल्मों में काम किया। तो चलिए आज बात करतें लेजेंड्री आर्टिस्ट संजय मिश्रा के 58 वें जन्मदिन के अवसर पर, उनके कुछ ऐसे किरदारों की जिन्होंने हम सबके जीवन में एक अनोखी छाप छोड़ दी।
MASAAN (2015)

इस फिल्म में अभिनेता संजय मिश्रा विद्याधर पाठक की भूमिका निभाते हैं, जो एक बुजुर्ग व्यक्ति है और अपना गुजारा करने की कोशिश कर रहा है। उनकी बेटी देवी (Richa Chadha) को पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने के बाद उसे सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, जबकि उसका उनकी एक छात्र के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा होता है, जो आत्महत्या कर लेता है। मिश्रा ने एक पीड़ित पिता के संवेदनशील चित्रण के लिए और अपनी बेटी की रक्षा करने की सख्त कोशिश के लिए प्रशंसा के पात्र बनें।
ANKHON DEKHI (2014)

इस फिल्म से संजय मिश्रा ने अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार (Filmfair) जीता और दर्शकों ने इस फिल्म में उनकी काफी प्रशंसा की। इस फिल्म में मिश्रा, एक विनम्र मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं, जिसका जीवन एक क्षण के बाद बदल जाता है। वह केवल वही मानने का फैसला करता है जो वह देख सकता है।
KAAMYAAB (2018)
हार्दिक मेहता की इस फिल्म में मिश्रा ने बॉलीवुड के गोल्डन एरा के एक चर्चित अभिनेता सुधीर की भूमिका निभाई है। एक पत्रकार के साथ साक्षात्कार के दौरान, सुधीर को पता चलता है कि उन्होंने 499 फिल्में पूरी कीं तो वो अपनी 500वीं और अंतिम फिल्म के लिए अभिनय में लौटने का फैसला किया। सुधीर अपनी 500वीं फिल्म पूरी करने के लिए पूरी जी जान लगा देता है।
PHAS GAYE RE OBAMA (2010)
निर्देशक सुभाष कपूर की इस व्यंगात्मक फिल्म में, मिश्रा ने भाई साहब की भूमिका निभाई है, जो एक गैंगस्टर है, जिसकी जबरन वसूली और अपहरण की गतिविधियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में उत्पन्न होने वाली वैश्विक मंदी के कारण काफी ज्यादा प्रभावित होती हैं। वह ओम शास्त्री (Rajat Kapoor) नामक एक NRI का अपहरण करने का फैसला करता है, वह सोचता है की ओम शास्त्री एक बहुत आमिर व्यक्ति है और उसके अपहरण से मोटा पैसा मिलेगा। लेकिन ओम तो खुद मंदी के कारण भारी नुकसान में है। अब अगर आगे की कहानी आप जानना चाहते है तो संजय मिश्रा की यह सभी फिल्में जरूर देखें।