Sanjeev Kumar: नॉनवेज के शौक और अधूरी मोहब्बत की कहानी
Sanjeev Kumar: भारतीय सिनेमा के महान कलाकार संजीव कुमार का नाम आज भी उनकी अदाकारी और विविध भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है। शोले में 'ठाकुर' का किरदार निभाने वाले संजीव कुमार का योगदान हिंदी सिनेमा में अमूल्य है। उनकी पुण्यतिथि पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ रोचक किस्से।
नॉनवेज खाने का जुनून, किराए पर लिया घर
संजीव कुमार को नॉनवेज का बेहद शौक था, लेकिन उनके घर में मांसाहार की अनुमति नहीं थी। इसके चलते उन्होंने एक अलग फ्लैट किराए पर लिया, जहां जाकर वह नॉनवेज खाया करते थे। उनके इस अनोखे शौक के बारे में सचिन पिलगांवकर ने एक इंटरव्यू में बताया था। संजीव कुमार के इस फ्लैट का उपयोग सिर्फ मांसाहारी भोजन के लिए किया जाता था, ताकि उनका अपना घर पवित्र रह सके।
करियर में कामयाबी, लेकिन निजी जिंदगी में अकेलापन
संजीव कुमार की पेशेवर जिंदगी जितनी सफल रही, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही संघर्षपूर्ण रही। उनका नाम कई मशहूर अभिनेत्रियों के साथ जोड़ा गया, जिनमें हेमा मालिनी, नूतन और शबाना आजमी जैसे नाम शामिल हैं। खासकर हेमा मालिनी के साथ उनका रिश्ता चर्चा में रहा, लेकिन हेमा की मां ने इस रिश्ते को मंज़ूरी नहीं दी। इस कारण संजीव कुमार डिप्रेशन में चले गए। उनके नाम के साथ आशा सचदेव का भी नाम जोड़ा गया, पर इस रिश्ते की ज्यादा चर्चा नहीं हुई।
दिलचस्प किरदार और उम्र से बड़े रोल निभाने का साहस
आज के कलाकार जहां बूढ़े होने के बाद भी युवा किरदार निभाते हैं, वहीं संजीव कुमार ने अपनी उम्र से बड़े किरदार निभाने का साहसिक फैसला लिया। उनकी परिपक्व अदाकारी ने उन्हें एक अलग पहचान दी, और उनके द्वारा निभाए गए वृद्ध किरदारों की आज भी लोग सराहना करते हैं।
निधन के बाद भी जारी रहा फिल्मों का सिलसिला
संजीव कुमार का 6 नवंबर 1984 को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी 10 फिल्में रिलीज हुईं। इनमें से तीन-चार फिल्मों की शूटिंग उन्होंने पूरी कर ली थी, जबकि बाकी फिल्मों में उनकी भूमिका को थोड़ा बदलकर प्रस्तुत किया गया।
संजीव कुमार: हरफनमौला अदाकार
संजीव कुमार को फिल्मी दुनिया में 'हरफनमौला स्टार' माना जाता था। अपने अभिनय के बल पर उन्होंने हीरो से लेकर साइड रोल्स और विलेन की भूमिकाओं में दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और किरदारों की विविधता ने उन्हें सिनेमा के महानतम कलाकारों में शामिल कर दिया।
संजीव कुमार की विरासत
संजीव कुमार का योगदान और उनकी अनोखी आदाकारी हिंदी सिनेमा के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। उनकी पुण्यतिथि पर उनकी यादें और उनके दिलचस्प किस्से एक अमर धरोहर के रूप में सिनेप्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
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