वायुसेना दिवस: 89 साल का हुआ इंडियन एयरफोर्स, तेजस और राफेल के जरिए चीन-पाक को दिया जाएगा कड़ा संदेश

Indian Air Force Day 2021 हर साल की तरह इस बार भी 8 अक्टूबर को हिंडन बेस पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी हिंडन एयरफोर्स यहां अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा।
जानिए एयर फोर्स का इतिहास
भारतीय वायु सेना का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को हुआ था। तभी से इस दिन को एयरफोर्स डे मनाया जाता है।भारतीय वायु सेना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स के वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी। उस समय इसमें RIAF द्वारा प्रशिक्षित छह अफसर और 19 हवाई सिपाही थे।
RIAF? आजादी से पहले एयरफोर्स को RIAF यानी रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। शुरुआत में भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश राज्य की वायु सेना की एक हिस्सा के तौर पर हुआ था।
ब्रिटिश राज के अंग होने की वजह से 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हलां आजादी के बाद इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया।

स्वदेशी तेजस और राफेल रहेगा आकर्षण का प्रमुख केंद्र
स्वदेशी लड़ाकू तेजस और एयर शो में दूसरी बार शामिल होने जा रहा फ्रांस का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहेगा।
हरक्यूलिस, मिराज-2000, सी-17 ग्लोबमास्टर और जगुआर के जरिए वायुसेना के द्वारा ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा।
एयर शो में चिनूक, अपाचे हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया जाएगा। बता दें कि हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से कार्यक्रम का आगाज पावर हैंग ग्लाइडर टीम और पैरा मोटर दल के द्वारा किया जाएगा।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजय गाथा को याद दिलाएगा 89वां एयरफोर्स डे
हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर 8 अक्टूबर को वायुसेना के 89वें स्थापना दिवस पर 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध की विजय गाथा को भी दिखाया जाएगा। इस वजह से विमानों की प्रदर्शनी में पाक से युद्ध में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाले फाइटर प्लेन डिनैट को बीच में जगह दी गई है।
गौरतलब है कि 1971 में वायुसेना ने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। जवानों ने करीब छह हजार उड़ान भरकर विजय का पताका लहराया था। जिस युद्ध के बाद ही पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग हुआ था।
यह लड़ाई भारतीय वायुसेना के लिए हर दृष्टिकोण से फाइन वार रही थी। इस लड़ाई के दौरान जान की बाजी लड़ने वाले एक जवान को एक परमवीर चक्र, 13 को महावीर चक्र और 130 वीर चक्र जवानों को दिए गए थे।

गीता से लिया गया है आदर्श वाक्य
देश में सभी सेनाओं की भांति भारतीय वायुसेना का भी आदर्श वाक्य है- 'नभ: स्पृशं दीप्तम'। भारतीय वायु सेना का यह आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। जिसे महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री क्रष्ण अर्जून को दे रहे थे। इसी आदर्श वाक्य के साथ भारतीय वायु सेना अपने कामों को अंजाम देती है।