देश में वैज्ञानिकों को कोरोना का मिला 'ट्रिपल म्युटेंट', भारत के लिए बढ़ी परेशानी
भारत में फिलहाल कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके पीछे कोरोना के डबल म्यूटेंट वैरिएंट को कारण माना जा रहा है. गौरतलब है कोरोना डबल म्यूटेंट वैरिएंट B.1.167 को पहली बार पिछले साल अक्टूबर में ही डिटेक्ट कर लिया गया था. हालांकि जीनोम सीक्वेंस टेस्टिंग की रफ्तार धीमी होने की वजह से इस पर तेजी से कदम नहीं उठाए जा सके, लेकिन अब खतरा और बढ़ गया है. जी हां, इस वैरिएंट का एक और म्यूटेशन हुआ है जो अब ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट हो गया है.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक म्यूटेंट E484Q और L425R, वायरस काफी शक्तिशाली है- जो शरीर में रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. हालांकि इसका अध्ययन तत्काल प्रभाव से होना चाहिए था. लेकिन फंड की कमी के चलते नवंबर से जनवरी तक म्येटेंट का अध्ययन नहीं हो पाया. अब B.1.167 के रूप में तीसरे म्यूटेंट की पहचान की है. जानकारों का मानना है कि यह म्यूटेंट काफी खतरनाक है, इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.
भारत के लिए तीसरी म्यूटेंट का क्या है मतलब ?
भारत के लिए ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट काफी खतरनाक है. देश के लिए यह बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. अगर समय रहते इस स्ट्रेन को रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में इसका दुष्परिणाम दिखने लगेगा. इसमें दो स्ट्रेन के नमूने महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में पाए गए हैं.
जानकारों का मानना है कि ट्रिपल म्यूटेंट के चलते इन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञ लगातार इस स्ट्रेन को नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे हैं.
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