पीएम मोदी की तारीफ करना AMU के छात्र को पड़ा भारी, पीएचडी की डिग्री वापस करने का निकला फ़तवा
विश्वप्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अलीगढ़) जहां भारत और दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के छात्र उच्चकोटि की शिक्षा लेने के लिए आते हैं। AMU हमेशा से विवादों में रहा हैं कभी ग़ैर-मुस्लिमों के साथ सौतेला बर्ताव या यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर हो! वहा से हमेशा मुख्यधारा के खिलाफ काम करने की खबरें समय-समय पर आती रहती हैं। शिक्षा के मंदिर में अजेंडा के तहत छात्रों का मौलिक अधिकार छीन लिया जाता हो तो आप कल्पना कर सकते हैं की वहा अध्यापक किस तरह का ब्रेनवाश कर रहे होंगे।
AMU के छात्रों और अध्यापकों के मन में प्रधानमंत्री मोदी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को लिए हमेशा से नफ़रत रही हैं। दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी AMU के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी के भाषण की तारीफ करने पर उससे उसकी “पीएचडी की डिग्री” वापस मांगी जा रही है। छात्र का आरोप है कि उसे वास्तविक डिग्री के बजाए एक सामान्य विषय की डिग्री दी जा रही है। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय का कहना है कि उसे मानवीय चूक से गलत डिग्री पहले दे दी गई थी, लेकिन अब उसे करेक्ट करके नई डिग्री दी जा रही है।
छात्र इसके खिलाफ हाईकोर्ट में दस्तक देकर न्याय की गुहार लगाई है।पीड़ित छात्र का नाम डॉ. दानिश रहीम है और उसके मुताबिक उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से डिपार्टमेंट ऑफ लिंग्विस्टिक्स से पीएचडी की है। उसे यह डिग्री 9 मार्च 2021 को एवार्ड की गई थी। उसने कहा कि उससे पहले उसके साथी डॉ. मारिया नईम को नवंबर 2020 को यह डिग्री एवार्ड की गई थी। डिग्री एवार्ड होने के छह महीने बाद 4 अगस्त 2021 को उसे एक लेटर मिला, जिसमें बताया गया है कि आपको जो डिग्री दी गई है, वह गलत और अंजाने में दी गई है।
आप लिंग्विस्टिक की डिग्री जमा करके लैंगुएज ऑफ मार्केटिंग एंड एडवरटाइजिंग (LAM) की डिग्री ले लें।पीड़ित छात्र डॉक्टर. दानिश रहीम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “यह सुनकर मैं परेशान हो गया, स्तब्द रह गया। फिर मैं 4-5 महीने पीछे गया और यह सोचा कि ऐसा हुआ क्यों? तो इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि यूनिवर्सिटी के 100 साला प्रोग्राम में पीएम और वीसी की तारीफ करने की उसे अब सजा मिल रही है।”उसने बताया कि “मेरे वाइवा (VIVA) यानी 8 फरवरी से दो-तीन दिन पहले मेरे चेयरमैन ने मुझे बुलाया था और कहा था कि “आप एक स्टूडेंट है और आपको किसी पोलिटिकल पार्टी के फेवर और एगेंस्ट में नहीं बोलना चाहिए।
आपने जो इलेक्ट्रानिक मीडिया को एक इंटरव्यू दिया था, उससे आपके हावभाव से पता चलता है कि आप राइट विंग के आदमी हैं। दानिश का कहना है कि यह सुनकर वह खामोश हो गया। उसके बाद उसका वाइवा हुआ। डिग्री एवार्ड हो गई। उसके बाद चार अगस्त को एक लेटर मिला, तो वह परेशान हो गए”
अब विचार करने वाली बात यह है की
1. क्या AMU में छात्र चुनाव नहीं लड़ा जाता?
2. क्या AMU के छात्र वोट नहीं डालते ?
3. क्या AMU के छात्र को अपने बात रखने का हक नहीं?
4. क्या AMU के छात्र राइट विंगर नहीं हो सकते?
5. क्या AMU के छात्र PM मोदी और CM योगी से प्रभावित नही हो सकते ?
आखिरकर पीड़ित छात्र ने पीएम मोदी और सीएम योगी को लेटर भेजा है, जिसमें उन्होंने गुहार लगा कर कहा कि विश्वविद्यालय से न्याय दिलाएं। उन्होंने कहा, “मैंने लेटर का जवाब एएमयू को दिया। मेरे साथी ने भी जवाब दिया। मेरी एएमयू में कोई सुनवाई नहीं हुई, मजबूर होकर मैंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।” कहा कि “मैंने देश के पीएम, सीएम और हायर अथारिटी को भी पत्र लिखा और उनसे निवेदन किया है कि मेरी जिंदगी से न खेलें। मुझे जो डिग्री ईमानदारी से मिल चुकी है, उसे न लें और कोई ऐसी वैसी डिग्री न दें, जो वैलिड न हो। और एएमयू में जो लोग मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई हो।”
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