आज ही के दिन भड़के थे सिख विरोधी दंगे, क्या-क्या हुआ था?
राजीव गांधी ने कहा था, 'बड़ा पेड़ गिरने पर हिलती है धरती' पूर्व प्रधानमंत्री का यह वाक्य किसके लिए था और क्यों था? चलिए जानते हैं।
31 अक्टूबर को देश की पूर्व प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरु की बेटी इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी फिर और इसके कुछ रोज़ से ही दिल्ली और देश के दूसरे कुछ हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे।
"जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी़, तो हमारे देश में कुछ दंगे-फ़साद हुए थे। हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध आया, कितना ग़ुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।"
यह वाक्य था भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की। यह सब राजीव गांधी
बोट क्लब में इकट्ठा हुए लोगों के हुजूम के सामने बोल रहे थे। जिसमें उन्होंने उन हजारों सिखों का जिक्र तक नहीं किया जो अनाथ और बेघर हो गए थे।
इंदिरा गांधी के मौत के दो दिनों बाद सिखों के साथ क्या सलूक होने वाला था, इसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन मनमोहन वीर सिंह तलवार जो 1971 में महावीर चक्र से सम्मानित से उन्हें पाँच हज़ार लोगों की भीड़ ने उनके घर को घेरकर उसमें आग लगा दी।
दंगे की आग इतनी भर की थी कि तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह तक पर मसाल फेंक दी गई थी। ज्ञानी जी के सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें वहाँ से सुरक्षित निकाला था। 1984 के बाद भी भारत में दंगों का सिलसिला रुका नहीं है. वर्ष 1988 के भागलपुर दंगे, वर्ष 1992-93 के मुंबई दंगे और वर्ष 2002 के गुजरात दंगे और फिर उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरपुर दंगे।